Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सिवान में पीएम मोदी की ललकार, महागठबंधन के गढ़ में एनडीए की ये है सियासी चाल, चलेगी चुनावी तीरों की बौछार
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बाहुबली मरहुम शहाबुद्दीन के प्रभाव वाले सीवान में बीजेपी पीएम मोदी की रैली के जरिए अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश में है।....

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 20 जून 2025 को बिहार के सिवान में एक विशाल चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। यह उनका इस साल बिहार का चौथा दौरा है, जो अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एनडीए की रणनीति को मजबूती देता है। दोपहर 12 बजे सिवान पहुंचकर पीएम मोदी 10 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे, साथ ही पटना-गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। यह रैली सियासी और विकास के लिहाज से अहम है।
सियासी मायने: सिवान, राष्ट्रीय जनता दल और महागठबंधन का गढ़ माना जाता है, जहां मुस्लिम और यादव वोटरों का दबदबा है। जिले की आठ विधानसभा सीटों में 25% से अधिक मुस्लिम और यादव वोटर हैं, जो आरजेडी की ताकत हैं। हालांकि, सवर्ण और अति पिछड़ा वोट बैंक जदयू-बीजेपी गठबंधन के साथ है। सिवान, सारण और गोपालगंज की 24 विधानसभा सीटों पर एनडीए की जीत का लक्ष्य कठिन है, लेकिन पीएम मोदी की रैली इस चुनौती को आसान बना सकती है। बाहुबली शहाबुद्दीन के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में बीजेपी अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश में है।
विकास और रणनीति: पीएम मोदी का दौरा केवल चुनावी शंखनाद नहीं, बल्कि विकास का संदेश भी है। 10 हजार करोड़ की परियोजनाएं और वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ बिहार को 'सुपर इंडिया' बनाने की बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है। जर्मन तकनीक से बने पांच पंडालों में 60 हजार से अधिक लोगों के लिए व्यवस्था, 200 बायो टॉयलेट, और वॉटरप्रूफ सुविधाएं रैली की भव्यता दर्शाती हैं।
शैक्षणिक गतिविधियों पर विवाद: रैली के लिए सिवान में स्कूल, कॉलेज, कोचिंग और आंगनबाड़ी केंद्रों पर शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई है, जिसे डीएम ने ट्रैफिक और बच्चों की सुरक्षा का हवाला देकर जायज ठहराया। लेकिन आरजेडी सांसद मनोज झा ने इसे 'पढ़ेगा इंडिया, तभी बढ़ेगा इंडिया' नारे पर तंज बताते हुए सियासी दुरुपयोग का आरोप लगाया।
पीएम मोदी की सिवान रैली एनडीए के लिए सियासी और रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह महागठबंधन के गढ़ में सेंध लगाने और बिहार चुनाव में बीजेपी-जदयू गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश है। विकास परियोजनाओं के साथ यह रैली बिहार की सियासत में नया रंग भर सकती है।