Bihar Vidhansabha Chunav 2025: तेजप्रताप बनाम तेजस्वी , राघोपुर की धरती पर बजा लालू परिवार के महाभारत का बिगुल, 'जो कृष्ण का साथ नहीं देगा, वो गढ्ढे में गिरेगा'-तेजप्रताप
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: राजनीति के रणभूमि में अब सगे भाई आमने-सामने हैं। राजद के भीतर चल रही इस पारिवारिक जंग ने अब महाभारत का रूप ले लिया है।
                            Bihar Vidhansabha Chunav 2025: राजनीति के रणभूमि में अब सगे भाई आमने-सामने हैं। राजद के भीतर चल रही इस पारिवारिक जंग ने अब महाभारत का रूप ले लिया है। तेजप्रताप यादव ने अपने छोटे भाई और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर ऐसा राजनीतिक प्रहार किया है, जिसने राघोपुर की सियासत में भूचाल ला दिया है।कल से लगातार राघोपुर के आसमान में तेजप्रताप का हेलीकॉप्टर घूम रहे हैं, मानो अर्जुन का रथ कुरुक्षेत्र में उतर आया हो। जनता की भारी भीड़, नारेबाज़ी और लाठी का प्रदर्शन, सब कुछ किसी राजनीतिक महायुद्ध की भूमिका जैसा प्रतीत हो रहा है।
तेजप्रताप अपने ठेठ अंदाज़ में बोले कि ये तेलपीलावन लाठी है, असली यादव की लाठी है!उन्होंने मंच से कहा कि तेजस्वी को महुआ नहीं जाना चाहिए था, वो एक बार गया, तो हम राघोपुर में दो-दो बार आ गए!उनकी बातों में व्यंग्य भी था और चेतावनी भी। लाठी घुमाकर उन्होंने भीड़ को जोश से भर दिया और कहा कि अब यह लड़ाई धर्म और अधर्म की है।
भीड़ के बीच खड़े तेजप्रताप ने गीता का श्लोक पढ़ते हुए कहा कि धर्म की स्थापना करनी है, क्योंकि धर्म अब गलत लोगों के बीच चला गया है। राघोपुर में कृष्ण ने अवतार लिया है, जो कृष्ण का साथ नहीं देगा, वो गढ्ढे में गिरेगा।
तेजप्रताप के इस बयान ने पूरे राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है। एक ओर तेजस्वी यादव अपनी राजनीति को विकास और संगठन की दिशा में ले जाना चाहते हैं, वहीं तेजप्रताप का यह धार्मिक-भावनात्मक प्रहार पारिवारिक मतभेदों को खुली सियासत में बदल रहा है।अब सवाल यह है कि क्या यह जंग केवल राघोपुर तक सीमित रहेगी, या फिर बिहार की राजनीति में एक नए कुरुक्षेत्र का आरंभ हो चुका है?
जो भी हो, तेजस्वी और तेजप्रताप की यह भिड़ंत अब महज़ भाईयों की तकरार नहीं रही यह एक राजनीतिक महाभारत बन चुकी है, जहाँ रिश्तों की डोर से ज़्यादा मज़बूत हैं सत्ता की डगरें और धर्म के दावे।
रिपोर्ट- ऋषभ कुमार