Bihar Vidhansabha Chunav 2025: महागठबंधन में तेजस्वी की डिमांड आसमान पर, राहुल-प्रियंका की सभाओं की भी मांग, वार रूम से बिछेगी रणनीति की बिसात,छठ के बाद महागठबंधन का शुरु होगा मेगा शो

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: महागठबंधन के घटक दलों ने सीट बंटवारे की पेचीदगियों से निकलते ही अब साझा प्रचार अभियान की रूपरेखा पर काम तेज कर दिया है।...

Bihar Vidhansabha Chunav 2025
महागठबंधन में तेजस्वी की डिमांड आसमान पर- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार की सियासत में अब छठ पर्व के बाद चुनावी सरगर्मियां अपने शबाब पर आने वाली हैं। महागठबंधन के घटक दलों ने सीट बंटवारे की पेचीदगियों से निकलते ही अब साझा प्रचार अभियान की रूपरेखा पर काम तेज कर दिया है। आज यानी गुरुवार को इसकी औपचारिक घोषणा होने की संभावना जताई जा रही है।महागठबंधन के अन्य दलों में तेजस्वी यादव, दीपंकर भट्टाचार्य और मुकेश सहनी की सभाओं की तैयारियाँ भी जोरों पर हैं।

सूत्रों के मुताबिक, वार रूम में बैठकर तमाम दल अपने नेताओं की सभाओं की तिथियाँ और क्षेत्रवार कार्यक्रम तय करने में जुट गए हैं। अब तक नेताओं ने केवल नामांकन के वक़्त सीमित जनसभाएँ की थीं, मगर अब छठ के बाद मैदान में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी है।

सबसे ज़्यादा चर्चा कांग्रेस के स्टार कैंपेनरों की है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सभाओं की माँग हर जिले से उठ रही है। ज़्यादातर प्रत्याशी चाहते हैं कि उनकी सीट पर राहुल या प्रियंका आएँ ताकि कार्यकर्ताओं में जोश भर सके और भीड़ जुटे।वार रूम में प्रत्याशी लगातार संपर्क साध रहे हैं ताकि उनकी सभाएँ तय हो सकें। राहुल गांधी की पहली सभा 28 अक्टूबर के बाद प्रस्तावित है  यह बिहार में उनकी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के बाद की पहली जनसभा होगी।

नेताओं के चयन में भी पूरी सियासी गणित देखी जा रही है। मुस्लिम बहुल इलाकों में इमरान प्रतापगढ़ी की माँग सबसे अधिक है, जबकि सवर्ण बहुल क्षेत्रों में प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की सभाएँ कराना चाहते हैं।हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कन्हैया कुमार, पप्पू यादव और अखिलेश प्रसाद सिंह जैसे नेताओं की भी जबरदस्त डिमांड है।गर्दनीबाग स्थित वार रूम से यह पूरा अभियान मॉनिटर किया जा रहा है  कौन-सा नेता किस क्षेत्र में जाएगा, कौन उनके साथ मंच साझा करेगा, किस दिन रैली होगी  सबकी रूपरेखा यहीं से तय हो रही है।

सोशल मीडिया प्रचार की कमान भी इसी केंद्र के हाथों में है। प्रचार सामग्री से लेकर सभा की लाइव कवरेज तक, हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है।कुल मिलाकर, छठ के बाद बिहार की सियासी फिज़ा में महागठबंधन का प्रचार अभियान एक बड़ा तमाशा और शक्ति प्रदर्शन साबित होने वाला है।अब निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि कौन-सा नेता किस मंच से सियासी तेवर दिखाता है और जनता का रुख किस ओर मुड़ता है।