Bihar Vidhansabha Chunav 2025: चुनाव से पहले तेजस्वी का बड़ा चुनावी दांव! बोले-महागठबंधन की सरकार बनी तो मुस्लिम और दलित होंगे उपमुख्यमंत्री! भाजपा पर जमकर साधा निशाना

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव ने ऐसा बयान दिया है जिसने पूरे सियासी परिदृश्य में हलचल मचा दी है।...

Tejashwi s Big Poll Move Promises Muslim Dalit Deputy CM
चुनाव से पहले तेजस्वी का बड़ा चुनावी दांव! - फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अपने निर्णायक दौर में है। मतदान में अब कुछ ही दिन शेष हैं और इस बीच राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव ने ऐसा बयान दिया है जिसने पूरे सियासी परिदृश्य में हलचल मचा दी है।

तेजस्वी यादव ने संकेत दिया है कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है, तो सरकार में कई उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे ,जिनमें मुस्लिम और दलित समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में सभी वर्गों की चिंताओं का समाधान हमारी सरकार करेगी। यह सरकार हर तबके की आवाज़ बनेगी।

यह बयान तब आया है जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले “बहु-उपमुख्यमंत्री मॉडल” का समर्थन किया था। तेजस्वी ने उसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “गहलोत जी का सुझाव विचारणीय है। बिहार विविधताओं का प्रदेश है, यहां हर समुदाय का प्रतिनिधित्व ज़रूरी है।”

तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “जब विपक्ष सामाजिक प्रतिनिधित्व की बात करता है तो बीजेपी को परेशानी होती है। हमने कहा कि दलित और मुस्लिम समुदायों से भी उपमुख्यमंत्री होंगे, तो बीजेपी आईटी सेल हमें ट्रोल करने लगी। ये वही लोग हैं जो कभी उन्हें ‘घुसपैठिया’ कहते हैं।”

हालांकि तेजस्वी ने यह साफ़ नहीं कहा कि उपमुख्यमंत्री पद मुस्लिम समुदाय को ही दिया जाएगा या नहीं। उन्होंने मुस्कराते हुए जवाब दिया “हम इस संभावना से इनकार नहीं कर रहे, इंतज़ार कीजिए और देखिए... यह किसी भी समुदाय से हो सकता है।”

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि तेजस्वी का यह बयान मुस्लिम और दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश है। बता दें  पिछले महीने बिहार में इंडिया गठबंधन की सीट-बंटवारे की उलझनों को सुलझाने के लिए कांग्रेस ने अशोक गहलोत को मैदान में उतारा था। गहलोत ने तब कहा था कि दोस्ताना मुकाबले को मतभेद नहीं समझा जाना चाहिए। 

अब जब 6 और 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को मतगणना तय है, तब तेजस्वी यादव का यह बयान चुनावी आख़िरी दौर में राजनीतिक समीकरणों में नई गर्मी ला सकता है।