Delhi Vidhansabha Chunav: दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए 5 फरवरी को सिंगल फेज में वोटिंग होगी. एनडीए ने अपने सीटों के बंटवारे में जदयू को एक सीट और लोजपा (रामविलास) एक सीट दी है. चिराग पासवान के नेतृत्त्व में पहली बार दिल्ली चुनाव में उतरी लोजपा (रा) ने देवली विधानसभा क्षेत्र से दीपक तंवर को उम्मीदवार बनाया है. चुनाव प्रचार का शोर थमने के बाद अब नजरें मतदाताओं पर है कि वे इस बार दिल्ली में चिराग के लिए राह कितनी आसान करते हैं.
चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी के नेता दीपक तंवर वाल्मीकि देवली रिजर्व सीट से चुनाव में उतरे हैं. देवली सीट दक्षिण दिल्ली क्षेत्र में स्थित है. साथ ही यह सीट दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट के तहत है.साथ ही दलित राजनीति के लिहाज से यह सीट बेहद महत्वपूर्ण रही है. ऐसे में इस सीट पर इस बार मुकाबला काफी रोचक होने की उम्मीद है.
2020 में आप की हुई बड़ी जीत
रिजर्व देवली सीट पर 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की थी. आम आदमी पार्टी के प्रकाश जरवाल और भारतीय जनता पार्टी के अरविंद कुमार के बीच रहे मुख्य मुकाबले में आप उम्मीदवार ने 40,173 मतों के अंतर से जीत हासिल की. कांग्रेस के अरविंदर सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे.उस चुनाव में प्रकाश जरवाल को 92,575 वोट आए जबकि बीजेपी के अरविंद कुमार के खाते में 52,402 वोट आए थे. इसके पहले प्रकाश जरवाल ने 2015 के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को यहां से शानदार जीत दिलाई. उन्होंने बीजेपी के अरविंद कुमार को 63 हजार से भी अधिक मतों के अंतर से हराया. हालाँकि इस बार समीकरण बदलने के कारण आप ने प्रेम कुमार चौहान को टिकट दिया तो प्रकाश जरवाल निर्दलीय ही मैदान में उतर गए.
चिराग को क्यों है उम्मीद
चिराग पासवान के लिए देवली के सहारे दिल्ली विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) का खाता खुलने की उम्मीद के कुछ कारणों में एक यहां त्रिकोणीय मुकाबले की बनती संभावना है. आप की ओर से प्रेम कुमार चौहान को टिकट देने से प्रकाश जरवाल निर्दलीय प्रत्याशी बन गए हैं. माना जा रहा है कि वे आप के परम्परागत वोट बैंक के एक तबके में सेंधमारी कर सकते हैं. इससे चिराग पासवान के उम्मीदवार दीपक तंवर वाल्मीकि को बड़ा फायदा मिल सकता है. सियासी जानकारों का मानना है कि प्रेम कुमार चौहान के पहली बार चुनाव मैदान में उतरने से मतदाताओं में कन्फ्यूजन वाली स्थिति है कि क्योंकि पिछले दस साल से आप के चेहरे के रूप में प्रकाश जरवाल यहां विधायक रहे हैं. प्रेम और प्रकाश दोनों अब आप के ही वोटरों को अपनी ओर करने में लगे हैं यह लोजपा के लिए फायदे का सौदा बन सकता है.
बिहारी वोटर दिखाएंगे कमाल !
दक्षिणी दिल्ली का यह क्षेत्र अनधिकृत कॉलोनियों से भरा हुआ है, जहां जल आपूर्ति और स्वच्छता बड़ी समस्याएं हैं. दिल्ली में कुल मतदाताओं की संख्या में करीब 17 फीसदी दलित हैं. ऐसे में देवली सीट पर दलित वोटरों की बेहद अहम भूमिका है. यहाँ दलित वोटरों का रुझान ही जीत हार तय करता है. इतना ही नहीं यहाँ बड़ी संख्या में बिहार मूल के मतदाता हैं. ऐसे में चिराग पासवान के नाम पर बिहार मूल के मतदाता भी लोजपा (रा) के लिए गोलबंद हो सकते हैं.