Delhi Election Result: बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले जदयू को अन्य राज्यों में विस्तार देने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपने को दिल्ली में बड़ा झटका लगा है. बावजूद इसके जदयू अपने प्रदर्शन से उत्साहित है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में जदयू जिस एक मात्र सीट पर चुनाव में उतरी वहां शैलेंद्र कुमार की करारी हार हुई. यह लगातार तीसरा मौका है जब दिल्ली में चुनाव लड़ने के बाद भी जदयू का खाता नहीं खुला. हालाँकि दिल्ली में हुई इस बार की हार के बाद भी संतोष की बात है कि नीतीश कुमार की पार्टी का प्रदर्शन सुधर गया है.
जदयू ने एनडीए गठबंधन एक घटक दल के रूप में बुराड़ी विधानसभा से उम्मीदवार उतारा. शैलेंद्र कुमार को पार्टी ने लगातार दूसरी बार बुराड़ी में मौका दिया. हलांकि आम आदमी पार्टी के संजीव झा ने बुराड़ी में एक बार फिर शानदार सफलता हासिल की और लगातार चौथी बार चुनाव जीतने में सफल रहे.
बुराड़ी में आप के संजीव झा को 1 लाख 21 हजार 181 वोट आया. वहीं जदयू के शैलेंद्र कुमार को एक लाख 580 वोट आए जबकि कांग्रेस के मंगेश त्यागी सिर्फ 19 हजार 920 वोट लाने में सफल रहे. संजीव झा ने 20 हजार 601 वोटों के अंतर से चुनाव में जीत हासिल की. यह लगातार चौथा मौका है जब संजीव झा ने बुराड़ी से विधायक का चुनाव जीता है. वहीं शैलेंद्र कुमार को वर्ष 2020 में 88 हजार से ज्यादा के वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था लेकिन इस बार वे 20 हजार से हारे हैं.
चिराग को किया चित्त
इस बार दिल्ली में जदयू की उपलब्धि रही कि पांच साल के भीतर उसके वोट में 45 हजार से अधिक की वृद्धि हुई. इतना ही नहीं दस साल बाद दिल्ली में जदयू के वोटों में इतनी बड़ी उछाल आई है. इतना ही नहीं नीतीश की पार्टी ने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के मुकाबले इस बार करीब दोगुना वोट हासिल किया है. जदयू को जहां 1.06 फीसदी वोट मिला, लोजपा (रामविलास) को ०.53 फीसदी वोट मिला है. लोजपा ने इस बार देवली विधानसभा क्षेत्र से दीपक तंवर को प्रत्याशी बनाया था.
2015 से जदयू का नहीं खुला है खाता
पिछली बार 2020 के विधानसभा चुनाव में भी जदयू ने एनडीए में रहकर चुनाव लड़ा था. जदयू ने दो सीट पर उम्मीदवार उतारा लेकिन पार्टी के उम्मीदवार दोनों सीटों पर चुनाव हार गए थे. तब जदयू को 0.91 फीसदी वोट आया. हालाँकि पांच साल बाद इस बार के चुनाव में जदयू को 1.06 फीसदी वोट मिला है. हालाँकि 2015 के भी विधानसभा चुनाव में दिल्ली में जदयू का खाता नहीं खुला था. जबकि 2010 के चुनाव में जदयू के हिस्से में 4 सीटें आयी थी तो तीन सीटों पर जीत हासिल हुई थी. ऐसे में 2015 से जदयू का दिल्ली में खाता नहीं खुला है.