Delhi Vidhan Sabha Chunav Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारा झटका लगा है। न केवल पार्टी सत्ता से बाहर हो रही है, बल्कि उसके प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल भी अपनी पारंपरिक नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए हैं। उन्हें भाजपा के प्रवेश वर्मा ने मात दी। गौरतलब है कि केजरीवाल ने 2013 में इसी सीट से कांग्रेस की शीला दीक्षित को हराकर अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी और बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे।
अतिशी जीतीं
AAP के लिए यह हार और भी बड़ी इसलिए बन गई क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया भी जंगपुरा सीट से चुनाव हार गए। सिसोदिया, जो 2020 में पटपड़गंज से बेहद कम अंतर से जीते थे, इस बार अपेक्षाकृत सुरक्षित मानी जाने वाली जंगपुरा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह से 594 वोटों से हार गए। हालांकि, AAP के लिए एकमात्र राहत भरी खबर कालकाजी सीट से आई, जहां मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने भाजपा के रमेश बिधुड़ी को करीबी मुकाबले में हरा दिया। पहले आठ राउंड तक बिधुड़ी आगे थे, लेकिन अंतिम राउंड में आतिशी ने निर्णायक बढ़त बनाते हुए करीब 3,000 वोटों से जीत दर्ज की।
दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी
भाजपा 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने की ओर अग्रसर है। चुनाव आयोग के अनुसार, 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 48 सीटों पर आगे है, जबकि आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला, और अगर यही नतीजे रहे तो यह लगातार तीसरा चुनाव होगा जब कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलेगी।
नई दिल्ली सीट से हारे केजरीवाल
मतगणना की शुरुआत से ही नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल और प्रवेश वर्मा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। पहले राउंड में वर्मा 74 वोटों से आगे थे, जबकि दूसरे राउंड में केजरीवाल 254 वोटों से बढ़त बना चुके थे। लेकिन बाद के राउंड्स में प्रवेश वर्मा ने बढ़त हासिल कर ली और अंततः केजरीवाल करीब 3,750 वोटों से चुनाव हार गए।
प्रवेश वर्मा की अमित शाह से मुलाकात, सीएम पद की चर्चा तेज
केजरीवाल को हराने के तुरंत बाद प्रवेश वर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और फिर उनसे मुलाकात के लिए पहुंचे। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा प्रवेश वर्मा को दिल्ली की नई सरकार में बड़ी भूमिका सौंप सकती है और वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो सकते हैं।
सबसे सुरक्षित सीट भी नहीं बचा पाई सिसोदिया को
मनीष सिसोदिया, जो तीन बार पटपड़गंज से विधायक रह चुके थे, ने इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह से 594 वोटों से हार गए। मतगणना के हर राउंड में रुझान बदलते रहे, और आखिरकार 10वें राउंड में उनकी हार तय हो गई। दिल्ली की राजनीति में इस बार भाजपा की जोरदार वापसी और आम आदमी पार्टी की करारी हार ने एक नया समीकरण खड़ा कर दिया है। अब देखना यह होगा कि भाजपा किसे मुख्यमंत्री बनाती है और AAP इस हार से उबरने के लिए क्या रणनीति अपनाती है।