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Delhi Vidhansabha Chunav : नीतीश कुमार और चिराग पासवान की प्रतिष्ठा दांव पर, दिल्ली चुनाव से तय होगा बिहार का सियासी भविष्य

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Delhi Vidhansabha Chunav- फोटो : news4nation

Delhi Vidhansabha Chunav : दिल्ली विधानसभा चुनाव से बिहार का सियासी भविष्य भी तय होगा. इसका बड़ा कारण दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की दांव पर लगी प्रतिष्ठा है. जदयू और लोजपा (रामविलास) ने दिल्ली एक एक सीट पर उम्मीदवार उतारा है. बुराड़ी सीट से जदयू के शैलेन्द्र कुमार उम्मीदवार हैं जबकि देवली से लोजपा (रा) के दीपक तंवर प्रत्याशी हैं. 


दिल्ली विधानसबा चुनाव में बुराड़ी सीट पर जदयू की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. यहाँ तीन बार के विधायक और बिहार मूल के संजीव झा आप के प्रत्याशी हैं. वहीं नीतीश कुमार ने शैलेन्द्र कुमार को उम्मीदवार बनाया है जो पिछला चुनाव 88 हजार से ज्यादा वोटों से हारे थे. 


बुराड़ी में समीकरण

बुराड़ी में मतदाताओं की संख्या 4 लाख 20 हजार 157 है. इसमें बिहार और पूर्वांचल के मतदाता सबसे ज्यादा है. यही कारण है कि आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस तीनों ने इस समीकरण को ध्यान में रखकर उम्मीदवार उतारा है. आप के संजीव झा जहां बिहार के मधुबनी से हैं और ब्राह्मण हैं. वहीं कांग्रेस के मंगेश त्यागी की नजर त्यागी मतदाताओं पर है. बुराड़ी में ब्राह्मण मतदाताओं के बाद दूसरी बड़ी संख्या त्यागी मतदाताओं की है. वहीं जदयू के शैलेन्द्र कुमार भी जाति से कुर्मी बताये जाते हैं. ऐसे में शैलेन्द्र कुमार को संजीव झा के मजबूत ब्राह्मण वोट बैंक के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा त्यागी मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की रणनीति से पार पाना है. 


जदयू को क्यों है उम्मीद

2020 में आम आदमी पार्टी के संजीव झा ने बड़ी जीत दर्ज की थी. उन्होंने JD (U) के शैलेंद्र कुमार को 88 हजार 158 वोटों के अंतर से हराया था. तब माना गया कि ब्राह्मण के साथ ही त्यागी वर्ग के वोटरों ने भी बड़े स्तर पर आप उम्मीदवार को समर्थन दिया था. इस बार कांग्रेस ने मंगेश त्यागी को प्रत्याशी बनाकर त्यागी वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश की है. अगर ऐसा हुआ तो संजीव झा के लिए चुनौती बढ़ेगी. वहीं इससे वोटों का समीकरण जदयू के शैलेंद्र के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है. त्रिकोणीय मुकाबले में सजीव झा को अपने लिए करिश्में की उम्मीद है. 


देवली में बढ़ी आस

रिजर्व देवली सीट पर 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की थी. आम आदमी पार्टी के प्रकाश जरवाल और भारतीय जनता पार्टी के अरविंद कुमार के बीच रहे मुख्य मुकाबले में आप उम्मीदवार ने 40,173 मतों के अंतर से जीत हासिल की. कांग्रेस के अरविंदर सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे.उस चुनाव में प्रकाश जरवाल को 92,575 वोट आए जबकि बीजेपी के अरविंद कुमार के खाते में 52,402 वोट आए थे. इसके पहले प्रकाश जरवाल ने 2015 के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को यहां से शानदार जीत दिलाई. उन्होंने बीजेपी के अरविंद कुमार को 63 हजार से भी अधिक मतों के अंतर से हराया. हालाँकि इस बार समीकरण बदलने के कारण आप ने प्रेम कुमार चौहान को टिकट दिया तो प्रकाश जरवाल निर्दलीय ही मैदान में उतर गए. 


चिराग को क्यों है उम्मीद

चिराग पासवान के लिए देवली के सहारे दिल्ली विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) का खाता खुलने की उम्मीद के कुछ कारणों में एक यहां त्रिकोणीय मुकाबले की बनती संभावना है. आप की ओर से प्रेम कुमार चौहान को टिकट देने से  प्रकाश जरवाल निर्दलीय प्रत्याशी बन गए हैं. माना जा रहा है कि वे आप के परम्परागत वोट बैंक के एक तबके में सेंधमारी कर सकते हैं. इससे चिराग पासवान के उम्मीदवार दीपक तंवर वाल्मीकि को बड़ा फायदा मिल सकता है. सियासी जानकारों का मानना है कि प्रेम कुमार चौहान के पहली बार चुनाव मैदान में उतरने से मतदाताओं में कन्फ्यूजन वाली स्थिति है कि क्योंकि पिछले दस साल से आप के चेहरे के रूप में प्रकाश जरवाल यहां विधायक रहे हैं. प्रेम और प्रकाश दोनों अब आप के ही वोटरों को अपनी ओर करने में लगे हैं यह लोजपा के लिए फायदे का सौदा बन सकता है. 

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