Sonam-Raja Murder Case: नेहा सिंह राठौर ने राजा रघुवंशी मर्डर केस पर बीवीयों को लेकर कह दी बड़ी बात, बोली-'देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसी...'
Sonam-Raja Murder Case: राजा रघुवंशी मर्डर केस में पत्नी सोनम और उसके प्रेमी की गिरफ्तारी ने देश को चौंका दिया है। नेहा सिंह राठौर ने सभी महिलाओं पर सवाल उठाने की मानसिकता की निंदा की है।

Sonam-Raja Murder Case: मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी राजा रघुवंशी की हत्या की खबर ने देश को झकझोर दिया है। घटना उस समय सामने आई जब वह अपनी पत्नी सोनम रघुवंशी के साथ हनीमून पर शिलांग गया हुआ था और अचानक उसकी लाश मिली, जबकि पत्नी लापता थी।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सोनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।शव सूटकेस में भरकर फेंका गया।अब तक चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें सोनम और उसका प्रेमी भी शामिल हैं।इस घटना ने सोशल मीडिया पर मजाक, मीम और स्त्री-विरोधी टिप्पणियों की बाढ़ ला दी है, जिसने कई गंभीर सामाजिक मुद्दों को जन्म दिया।
विवाहेतर संबंधों के चलते पुरुषों की भी हत्या होती है और महिलाएँ भी मारी जाती हैं…लेकिन माहौल ऐसा बनाया जा रहा है जैसी सभी पत्नियाँ संभावित हत्यारिन हैं.
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) June 11, 2025
ये बेहद गंभीर बात पूरे सोशल मीडिया पर मजाक के रूप में फैलाई जा रही है जिसमें महिलाएँ भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.
हर…
नेहा सिंह राठौर की प्रतिक्रिया
भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर, जो समाज और राजनीति पर बेबाक राय रखने के लिए जानी जाती हैं, ने इस मामले पर एक लंबा और संवेदनशील पोस्ट शेयर किया। उन्होंने एक जवाबदेही और संतुलित समाज की वकालत की। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि विवाहेतर संबंधों के चलते पुरुष भी मारे जाते हैं, महिलाएं भी… लेकिन हर बार महिलाओं को ही चरित्रहीन कह देना समाज की पुरानी बीमारी है। समाज महिलाओं को निर्भीक नहीं देखना चाहता। ऐसी स्त्री डरावनी लगती है क्योंकि वह अन्य महिलाओं को भी सशक्त बना सकती है। अगर रिश्ता नहीं चल रहा, तो तलाक ले लीजिए। ड्रम, फ्रिज और सूटकेस में किसी को बंद करना समाधान नहीं है।
सोशल मीडिया पर महिलाओं की छवि
राजा रघुवंशी केस के बाद सोशल मीडिया पर एक बार फिर “तिरिया चरित्र”, “भरोसे के लायक नहीं हैं महिलाएं”, जैसे ट्रेंड्स वायरल हो गए।यह स्थिति बताती है कि व्यक्तिगत अपराध को समूह के चरित्र से जोड़ देना हमारी मानसिकता में गहराई तक बसा हुआ है जब कोई महिला अपराध करती है तो पूरी नारी जाति पर प्रश्नचिह्न लगाना आम चलन बन जाता है।