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जब अमिताभ हताशा में ऑटो चलाने का करने लगे थे विचार, जानें KBC के मंच पर सुनाई अपनी अतीत से जुड़ी कहानीयां, राजेश खन्ना के बारे में बताई ऐसी बात, जिसे सुनकर चौंक जाएंगे आप

अमिताभ बच्चन ने एक समय एक्टिंग छोड़ने का मन बना लिया था। लेकिन फिल्म 'जंजीर' ने उनकी किस्मत बदल दी। जानें, उनके संघर्ष और सफलता की कहानी।

 जब अमिताभ हताशा में ऑटो चलाने का करने लगे थे विचार, जानें KBC के मंच पर सुनाई अपनी अतीत से जुड़ी कहानीयां, राजेश खन्ना के बारे में बताई ऐसी बात, जिसे सुनकर चौंक जाएंगे आप
जब अमिताभ - फोटो : social media

Amitabh Bachchan News: महानायक अमिताभ बच्चन, जिन्हें भारतीय सिनेमा का शहंशाह कहा जाता है, ने अपने शुरुआती करियर में काफी संघर्ष किया। एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने एक्टिंग छोड़ने का मन बना लिया था। लेकिन फिल्म 'जंजीर' ने उनकी किस्मत बदल दी और उन्हें सुपरस्टार बना दिया।

अमिताभ का संघर्ष: जब एक्टिंग छोड़ने का विचार आया

अमिताभ बच्चन ने हाल ही में 'कौन बनेगा करोड़पति' शो में अपने संघर्ष के दिनों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वह अपने करियर में एक समय इतना हताश हो गए थे कि उन्होंने ऑटो रिक्शा चलाने तक का विचार कर लिया था।

राजेश खन्ना के दौर का दबदबा

उस दौर में राजेश खन्ना भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सुपरस्टार थे। राजेश खन्ना की लोकप्रियता इतनी थी कि उनके फैंस उनकी पूजा करते थे। लड़कियां उनकी गाड़ी के टायर की मिट्टी को माथे पर लगाती थीं।

अमिताभ का संघर्ष:

अमिताभ ने 'सात हिंदुस्तानी' और 'आनंद' जैसी फिल्मों में अभिनय किया था, लेकिन वे खुद को स्थापित करने में सफल नहीं हो पा रहे थे।उस वक्त उन्होंने सोचा भी नहीं था कि उन्हें 'जंजीर' जैसी फिल्म मिलेगी।

जंजीर: टर्निंग प्वाइंट कैसे बनी?

फिल्म 'जंजीर' के लेखक सलीम-जावेद ने अमिताभ बच्चन की कास्टिंग पर जोर दिया।राजेश खन्ना को फिल्म के लिए प्राथमिकता दी जा रही थी, लेकिन सलीम-जावेद ने अमिताभ को चुना।उन्होंने अमिताभ में एक "एंग्री यंग मैन" की छवि देखी, जो फिल्म के किरदार के लिए एकदम सही थी।

फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' का योगदान

जावेद अख्तर ने 'बॉम्बे टू गोवा' में अमिताभ बच्चन के एक सीन को देखा था।सीन में शत्रुघ्न सिन्हा से थप्पड़ खाने के बाद अमिताभ शांत रहते हुए सैंडविच खाते हैं।इसी सीन ने जावेद अख्तर को अमिताभ को 'जंजीर' के लिए फाइनल करने के लिए प्रेरित किया। अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना ने साथ में कई फिल्मों में काम किया।

आनंद (1971):

इस फिल्म में राजेश खन्ना मुख्य भूमिका में थे, जबकि अमिताभ सहायक भूमिका में।

फिल्म में अमिताभ के किरदार को आलोचकों ने सराहा, लेकिन राजेश खन्ना की लोकप्रियता उस समय चरम पर थी।

नमक हराम (1973):

इस फिल्म में भी दोनों ने शानदार परफॉर्मेंस दी। हालांकि, यह फिल्म भी राजेश खन्ना की स्टार पावर का प्रतीक मानी गई।

अमिताभ का 'एंग्री यंग मैन' की शुरुआत

'जंजीर' ने अमिताभ बच्चन की छवि एक "एंग्री यंग मैन" के रूप में स्थापित की।

अमिताभ बच्चन का करियर

अमिताभ के करियर का यह एक ऐसा मोड़ था जिसने उन्हें भारतीय सिनेमा का "सुपरस्टार" बना दिया। अमिताभ बच्चन का करियर उनकी कड़ी मेहनत और किस्मत का नतीजा है। 'जंजीर' ने उनके करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और उन्हें भारतीय सिनेमा का महानायक बना दिया। आज अमिताभ बच्चन की सफलता उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी कहानी इस बात का सबूत है कि सही समय पर सही अवसर मिलने से सब कुछ बदल सकता है।

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