News anchor suicide - मशहूर न्यूज एंकर ने की आत्महत्या, कमरे में फंदे से लटकता मिला शव, 18 साल पहले शुरू किया था करियर
News anchor suicide - मशहूर टीवी न्यूज एंकर का शव आज उनके कमरे में फंदे से लटकता हुआ मिला है। वह उस फ्लैट में अपनी बेटी के साथ रहती थी। मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।

News4nation desk - मशहूर टीवी न्यूज एंकर स्वेच्छा वोटारकर (40 साल) (Swetcha Votarkar Death) ने आत्महत्या कर ली है। वह तेलगू न्यूज चैनल में काम करती थी। शनिवार को स्वेच्छा का शव उनके कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला है। स्वेच्छा की मौत की घटना ने पूरे में सनसनी फैला दी है। वहीं आत्महत्या की खबर मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंच कर जांच में जुई गई है।
पिता ने दर्ज कराई शिकायत
स्वेच्छा के पिता ने पुलिस में आत्महत्या का मामला दर्ज करवाया है। स्वेच्छा के पिता ने बेटी की मौत का जिम्मेदार किसी शख्स को ठहराया है। पुलिस ने पिता के द्वारा बताए गए शख्स के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है, यह आत्महत्या थी या फिर इसमें किसी तरह की साजिश या संदिग्ध परिस्थिति शामिल थी।
टीवी 9 से शुरू किया करियर, बेटी के साथ रहती थी
स्वेच्छा वोटारकर पिछले 18 वर्षों से तेलुगु टीवी चैनलों में पत्रकार और एंकर के रूप में सक्रिय थीं। उन्हें 'टीवी9' न्यूज चैनल से लोकप्रियता मिली थी। निधन के समय वे तेलंगाना यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (TUWJ) की स्टेट कमेटी की सदस्य थीं। उन्होंने यह कठोर कदम क्यों उठाया, इसकी वजह अभी स्पष्ट नहीं है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वेच्छा, 'टी न्यूज चैनल' में विशेष संवाददाता के रूप में कार्यरत थीं और तेलुगु मीडिया में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई थी। वे जवाहर नगर में एक अपार्टमेंट के पेंटहाउस में अपनी स्कूल जाने वाली बेटी के साथ रहती थीं।
एंकर की मौत से दुखी
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राओ ने भी न्यूज एंकर की मौत पर दुख व्यक्त किया है। केटी रामा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, "स्वेच्छा वोटारकर की दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। मेरे पास कहने के लिए कोई शब्द नहीं है।"
केटी रामा ने कहा- जो भी मेरी इस पोस्ट को पढ़ रहा है, अगर आपको लगता है कि जिंदगी मुश्किल हो गई है तो कृपया प्रोफेशनल से संपर्क करने में मत हिचकिचाएं। जिंदगी जीने के लिए है। हमेशा कोई न कोई सहारा मिल ही जाता है।