जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में गंगा नदी के जल स्तर में अकस्मात वृद्धि होने के कारण कई प्रखंडों के विभिन्न गांवों एवं टोला में जल प्रवेश के कारण उत्पन्न आपदा को लेकर संबंधित पदाधिकारियो के साथ बैठक की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जिन टोलों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है और वहां आवश्यकता है तो सरकारी नाव का परिचालन प्रारंभ कर दिया जाए। नाव पर लाल झंडा लगा हो और निःशुल्क सेवा, सरकारी नाव का बैनर लगा होना चाहिए।
इसके साथ हीं जहां भी प्रभावित लोग शरण लेकर रह रहे हैं, उनके लिए तत्काल सामुदायिक रसोई प्रारंभ कर दी जाए, जो स्थानीय जनप्रतिनिधि की देखरेख में चलाई जाए। सामुदायिक रसोई के लिए एक स्थानीय समिति रहेगी जो देखेगी कि प्रभावित परिवार ही भोजन कर रहा है। प्रत्येक सामुदायिक रसोई के लिए एक कैंप इंचार्ज एवं एक स्टोर इंचार्ज रहेंगे। कैंप के नजदीक स्वास्थ्य शिविर की व्यवस्था रहे, बिजली की निर्बाध आपूर्ति की जाए तथा जहां मवेशी है उनके लिए पशु चारा का व्यवस्था जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा की जाए।
कैंप की सुरक्षा के लिए चौकीदार/ पुलिस की व्यवस्था रहे, साथ ही पुलिस मोटरसाइकिल से गस्ती करती रहे। कैंप के नजदीक ब्लीचिंग पाउडर, चुना का छिड़काव किया जाए। पीने की पानी एवं शौचालय की व्यवस्था रहे। पीएचईडी के द्वारा पानी के टैंकर की व्यवस्था की जाए। शौचालय की नियमित साफ सफाई की व्यवस्था रहे। वहीं कम्युनिटी किचन में सादा भोजन, कम तेल मसाला में बने, साफ सफाई की पूरी व्यवस्था रहे, सब्जी जमीन पर नहीं कटे और सब्जी को धोकर बनाया जाए भोजन बन जाने पर उसे ढंकने की व्यवस्था रहे।
बैठक में बताया गया कि गोपालपुर, रंगरा चौक, सबौर ,नाथनगर, सुल्तानगंज, शाहकुंड ,नारायणपुर नवगछिया, इस्माइलपुर के कई इलाके में गंगा का पानी ओवर फ्लो कर गया है। सभी स्थलों पर राहत कार्य चलाने के लिए संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को संपूर्ण जिम्मेवारी दी गई है। साथ ही बिना अनुमंडल पदाधिकारी के स्वीकृति के उस अनुमंडल के किसी को छुट्टी पर जाने की अनुमति नहीं होगी।
REPORT - BALMUKUND KUMAR