N4N DESK - भारत में बुलेट ट्रेन के शुरू होने का इंतजार किया जा रहा है। लेकिन उससे पहले ही यात्री देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन में सफर करेंगे। भारतीय रेलवे हाइड्रोजन-ईंधन वाली ट्रेन शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। बताया जा रहा है कि 31 मार्च तक इसे शुरू किया जा सकता है। इसके साथ ही ईको-फ्रेंडली इनोवेशन में भारत भी जर्मनी, फ्रांस, चीन और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों के साथ ग्रीन मोबिलिटी में सबसे आगे देशों में शामिल हो जाएगा।
35 हाइड्रोजन ट्रेन के लिए मिले थे 28 सौ करोड़
बता दें कि पिछले साल केंद्र सरकार ने अपने बजट में 35 हाइड्रोजन ईंधन सेल-बेस्ड ट्रेनों का एक बेड़ा विकसित करने के लिए 2023-24 में 2,800 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। चेन्नई स्थित Integral Coach Factory (ICF) में फिलहाल यह ट्रेन बनाई जा रही है और एक बार निर्मार्ण पूरा होने के बाद यह ट्रेन जींद-सोनीपत रूट पर करीब 89Km की दूरी कवर करते हुए नॉर्दर्न रेलवे के दिल्ली डिवीजन द्वारा चलाई जाएगी।
सबसे लंबी और अधिक क्षमता
दुनिया की सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेन होगी। यह दुनिया की सबसे ज्यादा पावर वाली हाइड्रोजन ट्रेनों में से एक होगी। वहीं इस ट्रेन की पावर क्षमता को भी अन्य देशों में चल रही हाइड्रोजन ट्रेन से दोगुनी से भी अधिक है। जहां दुनियाभर में अधिकतर मौजूदा हाइड्रोजन-पावर्ड ट्रेनों में 500 से 600 एचपी के बीच क्षमता वाले इंजन हैं, वहीं भारतीय हाइड्रोजन ट्रेन की क्षमता 1,200 हॉर्स पावर की है। ऐसे में स्वदेशी रूप से विकसित हाइड्रोजन ट्रेन उन सभी को पीछे छोड़ देगी।
फ्यूल सेल्स से चलेगी ट्रेन
ट्रेन फ्यूल सेल्स का इस्तेमाल करके चलेगी, जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से बिजली जेनरेट करती है और byproduct के रूप में केवल जल वाष्प छोड़ती है – जिससे यह zero-emission transport solution बन जाता है।