CHAPRA : सारण जिले के गंडक नदी के तटीय इलाके में रहने वाले लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है की अब नेपाल के तरफ से छोड़ें जाने वाला पानी की मात्रा काफी कम हो गई है. 6 लाख या 4 लाख क्यूसेक की जगह अब मात्र 1.66 लाख क्यूसेक पानी ही आ रहा है. जो की सामान्य प्रक्रिया में रखा गया है. हालांकि बीते शनिवार से छोड़े गए पानी का असर अब सारण के विभिन्न प्रखंडों में देखने को मिल रहा है. लेकिन यह ज्यादा देर तक नहीं रहेगा. जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी. वैसे अभी भी प्रखंडों में रहने वाले लोग दहशत में है. उनके डर का सबसे बड़ा कारण यह है कि गंडक नदी का पानी अब पहुंचा है. ऐसे में कभी भी एकाएक जलस्तर में वृद्धि हो सकती है और परेशानी बढ़ सकती है. शायद यही कारण है कि प्रशासन भी अलर्ट मोड में है और अधिकारियों को मंगलवार तक कड़ी नजर रखने का आदेश दिया है. सोमवार को भी नेपाल के द्वारा 1लाख 66 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जबकि टोटल डिस्चार्ज गंडक बैराज के द्वारा भी उतना ही रहा . इसके पहले शनिवार और रविवार को चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था. लेकिन बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कहा था की अब यह कम होते जाएगा. इसलिए डरने की जरूरत नहीं है, विभाग की आप बात सही साबित हो रही है. दो-तीन दिनों के बाद नदियों के जलस्तर में भी कमी आने लगेगी.
डीएम ने लोगों से कहा डरे नहीं, प्रशासन आपके साथ
जिलाधिकारी अमन समीर ने सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि पहले का जो पानी रिलीज किया गया है. वही पहुंचा है और कुछ गांव प्रभावित हुए हैं. लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे सुधरेगा. इसलिए लोग डरे नहीं. प्रशासन उनके साथ है. सभी बांध सुरक्षित है. पेट्रोलिंग के लिए होमगार्ड के जवानों को लगा दिया गया है. मकेर, अमनौर, तरैया तथा पानापुर अंचल के लोगों को एक-दो दिन अलर्ट मोड में रहने की जरूरत है. कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण प्रमंडल सारण को निर्देश दिया गया कि सारण तटबंध के सभी निचले क्षेत्रों के आक्राम्य स्थलों पर निश्चित रूप से पर्याप्त मात्रा में जियो बैग तथा कटाव निरोधी सामग्री उपलब्ध रखते हुए रात्रि भर सारण तटबंध का लगातार निरीक्षण करना सुनिश्चित करेंगे तथा किसी भी क्षेत्र में कोई भी समस्या उत्पन्न होने पर त्वरित रूप से जिला प्रशासन एवम् अनुमंडल प्रशासन को उसकी सूचना देते हुए अविलंब आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे.
यह है वर्तमान स्थिति
मिली जानकारी के अनुसार सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. गंगा नदी गांधी घाट के पास की जल स्तर में अधिक वृद्धि हो रही है. यहां 48.60 मी के जलस्तर को खतरे के निशान माना गया है और फिलहाल 30 सितंबर को शाम 5:00 बजे तक 48.77 मीटर जलस्तर है. यानी खतरे के निशान से काफी ऊपर पानी बह रहा है. यह भी कहा जा सकता है कि हाईएस्ट फ्लड लेवल 50.52 के नजदीक है. ऐसे में अधिकारियों का टेंशन बढ़ना लाजिमी है. इससे सारण जिले के एनएच19 से सटे सभी प्रखंड प्रभावित होंगे. ऐसे प्रखंडों को हाई अलर्ट मोड में रख दिया गया है. बात करें घाघरा यानी सरजू नदी की तो इसके जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. घाघरा छपरा के जलस्तर के खतरे का निशान 53.68 मीटर है अभी 51.00 तक पहुंच गया है. वही सिसवन घाघरा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है यहां 57.04 खतरे का निशान है और 56.20 तक जलस्तर पहुंच गया है. बात करें गंडक हाजीपुर की तो इसका खतरे का निशान 50 .32 है. वर्तमान स्थिति 49.16 मीटर है. इसी तरह गंडक रीवा का खतरे का निशान 54.41 है. वर्तमान स्थिति 54.41 मी है. यानी यह पूरी तरह से खतरे निशान को छू चुका है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार का कहना है की अब स्थिति समान हो जाएगी. क्योंकि जो पानी छोड़ा जा रहा है. वह कम होते जा रहा है. जिलाधिकारी के निर्देश पर निरंतर सभी नदियों की मॉनिटरिंग की जा रही है. दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी.
क्या कहते हैं जिलाधिकारी
जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा की अब बैराज से छोड़े जा रहे पानी में कमी आई है जो पानी पहले छोड़ गया था वह फैल गया है और उसकी तेज धार में कमी आई है. इसलिए सारण में बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा. फिर भी तैयारी मुकम्मल है. जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. वहां राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. सभी पदाधिकारी और बाढ़ नियंत्रण विभाग के इंजीनियरों को आदेश दिया गया है कि रात भर पेट्रोलिंग करेंगे. और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी रखेंगे. लोगों को डरने की जरूरत नहीं है प्रशासन उनके साथ है.
छपरा से संजय भारद्वाज की रिपोर्ट