Bihar Sand Mafia: बिहार में बालू माफिया पर ED ने कसा शिकंजा, ब्रॉडसन और आदित्य मल्टीकॉम के बालू सिंडिकेट का पर्दाफाश

Bihar Sand Mafia: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार में फैले बालू माफियाओं के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है। बालू के अवैध खनन और इसके धंधे में लिप्त कई प्रमुख लोगों पर शिकंजा कसते हुए दर्जनों गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। राज्य में बालू माफियाओं की बढ़ती गतिविधियों पर लंबे समय से नजर बनाए रखने के बाद ईडी ने अब बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, अभी भी कई बड़े माफिया एजेंसियों के रडार पर हैं, जिनके खिलाफ जल्द ही कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है।
ब्रॉडसन और आदित्य मल्टीकाम जैसी कंपनियां घेरे में
बालू के अवैध कारोबार में ब्रॉडसन सन्स और आदित्य मल्टीकाम जैसी बड़ी कंपनियों के नाम सामने आए हैं। इन पर आरोप है कि इन कंपनियों ने राज्य में बालू सिंडिकेट का निर्माण कर सरकारी राजस्व को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया। सरकार से बगैर अनुमति लिए अवैध रूप से बालू खनन और बिक्री के जरिए इन कंपनियों ने बड़े पैमाने पर मुनाफा कमाया। ईडी इन कंपनियों पर कई तरह के आरोपों की जांच कर रही है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।
ईडी की लगातार कड़ी कार्रवाई
ईडी ने पिछले कुछ हफ्तों में कई बड़े बालू माफियाओं को गिरफ्तार किया है। 28 सितंबर को धनबाद के मशहूर बालू कारोबारी अजय सिंह को हिरासत में लिया गया, जबकि इससे पहले 19 सितंबर को सिंडिकेट के एक अन्य सदस्य पुंज सिंह की गिरफ्तारी हुई थी। इसके अलावा, आदित्य मल्टीकाम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सतीश कुमार सिंह और जगनारायण सिंह समेत अन्य कई प्रमुख लोगों को भी जेल भेजा जा चुका है।
50 से अधिक बालू माफियाओं की सूची तैयार
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) भी ईडी के साथ मिलकर बालू माफियाओं पर नकेल कसने के लिए काम कर रही है। ईओयू ने विभिन्न जिलों में 50 से अधिक बालू माफियाओं की सूची तैयार की है, जिनमें भोजपुर, पटना, औरंगाबाद, रोहतास, सारण, बांका, और गया के प्रमुख माफिया शामिल हैं। इन सभी जिलों में अवैध बालू खनन और बिक्री के कई मामले सामने आए हैं।
संयुक्त एजेंसियों की जांच और भविष्य की कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, ईडी और ईओयू दोनों ही एजेंसियां मिलकर बालू माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही हैं। दोनों एजेंसियों द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर आने वाले दिनों में बड़े माफियाओं पर शिकंजा कसा जा सकता है। राज्य में बालू माफियाओं के बढ़ते प्रभाव को रोकने और अवैध गतिविधियों पर पूर्ण विराम लगाने की यह कार्रवाई सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है