बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग की टीम का दौरा, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग की टीम का दौरा, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की टीम इन दिनों झारखंड के दौरे पर है। दौरे के दूसरे और अंतिम दिन, चुनाव आयोग की टीम ने राज्य के सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, प्रमंडल आयुक्तों, डीआईजी और आईजी के साथ महत्वपूर्ण बैठक कीं। यह बैठक राजधानी रांची के रेडिसन ब्लू होटल में सुबह 9 बजे से शुरू हुई।

बैठक की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार कर रहे हैं, जिसमें राज्य के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव की तैयारियों की जिलेवार समीक्षा की जा रही है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के अनुसार, इस दो दिवसीय समीक्षा बैठक के बाद चुनाव आयोग द्वारा बैठक से संबंधित जानकारी आज शाम तक साझा की जाएगी।

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रहे मौजूद

बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखवीर सिंह संधु, वरीय उपचुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा, उप चुनाव आयुक्त संजय कुमार, डिप्टी डायरेक्टर जनरल अशोक कुमार, निदेशक पंकज श्रीवास्तव और संयुक्त निदेशक अनुज चांडक भी उपस्थित रहे। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार भी इस महत्वपूर्ण बैठक का हिस्सा थे।

चुनाव आयोग द्वारा दिए गए प्रमुख निर्देश:

  • अफीम की खेती पर रोक: रांची, खूंटी, चतरा और लातेहार जिलों में अफीम की खेती को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है।

  • निर्वाचन कार्य में गंभीरता: रांची के डीसी को निर्वाचन कार्यों के प्रति गंभीरता बरतने का निर्देश दिया गया है, ताकि चुनावी प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके।

  • मतदाता जागरूकता अभियान: झारखंड की कला और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए स्थानीय कलाकारों को मतदाता जागरूकता अभियान में शामिल किया जाएगा। साथ ही, बुजुर्ग मतदाताओं के लिए 1 अक्टूबर को विश्व वृद्धजन दिवस पर विशेष अभियान चलाया जाएगा।

  • सीमावर्ती सुरक्षा: झारखंड से सटे अन्य राज्यों के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा के मद्देनज़र कड़ी चौकसी बरतने के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए गए हैं।

  • मतदान प्रतिशत में वृद्धि: सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने पर ध्यान केंद्रित करें। इस बार मतदान प्रतिशत में अपेक्षित वृद्धि हो, इसके लिए जिलों को अपने मतदाताओं के साथ सकारात्मक रणनीति अपनाने की आवश्यकता है।

  • शहरी मतदान में सुधार: विशेष रूप से बोकारो और धनबाद के शहरी इलाकों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अभी भी और प्रयासों की जरूरत है।

  • लोकल इन्फ्लूएंसर का उपयोग: अधिक से अधिक स्थानीय इन्फ्लूएंसर्स को चुनाव एंबेसडर के रूप में जोड़कर उनका सहयोग प्राप्त किया जाएगा, ताकि दूरदराज के इलाकों में लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके।

  • जनजातीय क्षेत्रों में जागरूकता: संथाल, हो, नागपुरी, मुंडारी आदि जनजातीय इलाकों में स्थानीय कला और संस्कृति, जैसे सोहराय पेंटिंग और पाइका नृत्य, के माध्यम से ग्रामीण मतदाताओं के बीच चुनावी जागरूकता को प्रभावी बनाया जाएगा।

  • शैक्षणिक संस्थानों का सहयोग: नेतरहाट विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के पूर्व छात्रों का उपयोग भी मतदान जागरूकता के लिए किया जाएगा।

  • PVTG समुदाय तक पहुंच: झारखंड की आदिम जनजाति (PVTG) समुदाय के हर घर तक चुनावी तंत्र की पहुंच बनानी होगी। इन क्षेत्रों में समावेशी चुनाव कराने के लिए स्थानीय जुड़ाव के साथ काम किया जाएगा।

  • इस व्यापक समीक्षा का उद्देश्य झारखंड में आगामी चुनावों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करना है। चुनाव आयोग द्वारा दिए गए इन निर्देशों के बाद राज्य की निर्वाचन प्रक्रिया को और भी मजबूत बनाने के प्रयास तेज हो जाएंगे।

Editor's Picks