झारखंड न्यूज। झारखंड में एक नया बवाल पैदा हो गया, जो इंटरनेट सेवा से जुड़ा हुआ है। बता दें कि राज्य में 21 और 22 सितंबर 2024 को झारखंड सामान्य स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (JSSC-CGL) का आयोजन किया गया था। इस दौरान कुल 823 एग्जाम सेंटर बनाए गए थे, जिसमें कुल 6 लाख 40 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को शामिल होना था। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने दो दिन यानी 21 और 22 सितंबर को 24 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दिया था। इसी बात को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है।
हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि किसी परीक्षा के नाम पर पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा को बंद करना सही बात नहीं है। झारखंड हाईकोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि कोई भी राज्य ऐसा कैसे कर सकता है कि बिना किसी परमिशन और जानकारी के इंटरनेट सेवा बंद कर दे।
रविवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई
रविवार को घटनाक्रम पर आकस्मिक सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने कहा कि अगली बार से इंटरनेट बंद करने के लिए पहले हाई कोर्ट से परमिशन लेना होगा। उन्होंने सवाल किया कि इंटरनेट बंद कर परीक्षा लेने का आइडिया आपको आया कहां से? यह किसी भी मायने में उचित नहीं है।
इंटरनेट सेवा दोबारा से शुरू
हाईकोर्ट ने परीक्षा को लेकर इंटरनेट बंद करने के मामले में राज्य के गृह सचिव को तलब किया था। उन्होंने आदेश की कॉपी भी मांगी जिसमें सुबह 4:30 बजे से शाम 3:30 तक इंटरनेट सेवा बंद रखने की बात लिखी हुई थी। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी। तब तक कोर्ट के आदेश के बाद इंटरनेट सेवा दोबारा से शुरू कर दी गई है।