DESK : मध्य प्रदेश के स्कूलों में मिलनेवाले मिड डे मिल के खाने की गुणवत्ता की जांच करने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सब्जी की बाल्टी में आलू ढूढंते रह गए, लेकिन उन्हें आलू नहीं मिला। इस घटना ने उन्हें इतना नाराज कर दिया कि उन्होंने जिला पंचायत सीईओ से स्कूल के खाने की जांच कराने के निर्देश दे दिए।
यह पूरा मामला ग्वालियर जिले से जुड़ा है। जहां मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर जल भराव का निरीक्षण करने के लिए डीआरपी लाइन में पहुंचे थे। इसी दौरान ऊर्जा मंत्री पीएमश्री स्कूल में पहुंच गए। उस समय बच्चों को दोपहर का मिड डे मिल का खाना दिया जा रहा था। मंत्री जी भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ बच्चों के साथ खाना मिडडे मिल का खाना खाने के लिए बैठ गए।
सब्जी की बाल्टी में नहीं मिला आलू
स्कूल के शिक्षकों ने मंत्री जी के सामने खाने की थाली रखी, साथ ही सब्जी की एक बाल्टी भी रख दी। मंत्री जी चमचे से बाल्टी से आलू निकालना चाहा, लेकिन सब्जी में आलू नहीं था। इस दौरान उन्होंने कई बार सब्जी में आलू खोजने के लिए चमचे से सब्जी को घूमाया, लेकिन आलू नहीं मिला। मजबूरन मंत्री जी ने रोटी ही खाना शुरू कर दिया। साथ ही जिला पंचायत सीईओ को भी वहां बुला दिया।
जैसे ही जिपं सीईओ विवेक कुमार वहां पहुंचे। मंत्री जी ने स्कूल के खाने की जांच कराने के निर्देश दे दिए और वहां से निकल गए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कुछ भी बात नहीं की।
हालांकि जिपं सीईओ ने माना कि मंत्री जी ने खाने की जांच के आदेश दिए हैं। सीईओ विवेक कुमार ने बताया कि उनकी मंत्री जी से दो बार बात हुई थी। मंत्री ने दाल की गुणवत्ता सही करने की बात कही थी। सीईओ ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन भी कर दिया है। यह टीम स्कूल पहुंचकर मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच करेगी।