DESK : शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है। देश भर के दुर्गा मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है। वहीं वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में भी इस बार नवरात्रि पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यह पहली बार होगा जब काशी विश्वनाथ मंदिर में मां विराजमान हुई है। यहां 9 दिनों तक 9 देवियों के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाएगी। पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की गई। इस दौरान यहां बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ लगी रही और पूरा माहौल विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने इस बार शारदीय नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना कर पूजन किया।
काशी विश्वनाथ के धाम में माता को गर्भगृह में विराजमान किया गया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि विश्वनाथ मंदिर परिसर में कलश स्थापना करने के साथ ही समस्त धार्मिक अनुष्ठानों को 9 दिनों तक आयोजित किया जाएगा।
काशी विश्वनाथ धाम में होगी शस्त्र पूजा
चार अक्तूबर को रामलीला में धनुष यज्ञ का मंचन मंदिर चौक पर होगा। पांच अक्तूबर को राम द्वारा रावण वध का मंचन, छह अक्तूबर को बंगाली लोक नृत्य धुनुची का आयोजन होगा। सात अक्तूबर को 51 मातृशक्तियों द्वारा ललिता सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ किया जाएगा। आठ अक्तूबर को महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र पर नृत्य, नौ अक्तूबर को देवी मां का भजन, 10 अक्तूबर को माता के नौ स्वरूपों को दर्शाती नौ कन्याओं द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ होगा। 11 अक्तूबर को प्रातःकाल नीलकंठ मंदिर के समीप यज्ञ कुंड पर हवन औरशाम को भजन व नृत्य का आयोजन होगा। दशमी तिथि पर 12 अक्तूबर को सुबह सांकेतिक रूप से शस्त्र पूजा मंदिर प्रांगण में की जाएगी। शाम को शास्त्रीय युद्ध कला का प्रदर्शन मंदिर चौक पर होगा।