Bihar News: वैशाली डीएम के खिलाफ सीओ ने मोर्चा खोल दिया है। राजस्व सेवा से जुड़े अधिकारियों का आरोप है कि जिलाधिकारी मीटिंग में अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं। 25 अक्टूबर को राजस्व संबंधी बैठक में वैशाली के जिलाधिकारी के द्वारा अंचल अधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं कर्मियों के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया. बैठक में अधिकारियों एवं कर्मियों के लिए चोर, हरामी जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग वैशाली डीएम ने किया है. विरोध में शनिवार को राजस्व सेवा के अधिकारी वैशाली जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए. जिले की महिला सीओ ने कहा कि हमलोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. मीटिंग के नाम पर रात आठ बजे,दस बजे तक बिठाये रखा जाता है. कोई छुट्टी नहीं, अपशब्दों का भी प्रयोग किया जाता है. हमलोग काम करेंगे लेकिन एक स्वस्थ्य माहौल होना जरूरी है. वैशाली में स्वस्थ्य माहौल ही नहीं है. सारे सीओ को बीपी-माइग्रेन की बीमारी हो गई है. हम सबलोग परेशान हैं. हमलोगों का परिवार प्रभावित हो रहा है.
एसडीओ ने की वार्ता
वैशाली के राजस्व सेवा के अधिकारियों ने डीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. विरोध में अंचलाधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धऱना पर बैठ गए। इस आंदोलन का समर्थन बीडीओ संघ ने भी कर दिया. इस विवाद बढञने और सीओ-राजस्व सेवा के अधिकारियों के धरना पर बैठने के बाद सदर एसडीओ बात करने पहुंचे. किसी तरह से मामले को सलटाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि राज्य स्तर पर राजस्व संघ भी वैशाली के राजस्व अधिकारियों के साथ खड़ा हो गया है.
डीएम करते हैं अपमानजनक शब्दों का प्रयोग
वैशाली के सभी अंचलाधिकारी एवं राजस्व अधिकारियों ने इसके लिए वैशाली डीएम को एक आवेदन लिखा है, जिसमें उन्हें सूचित किया है कि आपके अपमानजनक शब्दों से उनको ठेस पहुंचा है। आवेदन में सभी सीओ ने आगे लिखा है कि, पूर्व में नवादा जिले में भी वैशाली डीएम के द्वारा इसी प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया था, जिसके कारण उस समय भी स्थानीय अधिकारियों के समूह ने स्थानांतरण अथवा सामूहिक अवकाश की मांग की थी. इस प्रकार के व्यवहार से सभी अधिकारी मानसिक एवं आत्मिक रूप से आहत महसूस कर रहे हैं।
हर काम में उत्कृष्ट स्थिति में जिला फिर भी करते हैं आलोचना
आवेदन में सभी सीओ ने वैशाली डीएम के संज्ञान में लाया है कि अंचल कार्यालय द्वारा दाखिल खारिज, जमाबंदी, अद्यतनीकरण, भूमि मापन, भूमि विवाद समाधान, अतिक्रमण हटाना, आधार सीडिंग, अभियान बसेरा, भूमि अधिग्रहण, जन शिकायतें, नकल, सरकारी भूमि की प्रविष्टियां, जल निकाय संरक्षण, अवैध खनन की रोकथाम, सरकारी परियोजनाओं हेतु भूमि आवंटन, सूचना का अधिकार एवं लोक शिकायतों का निराकरण, सीपीग्राम्स, डीएम जनता दरबार, मुख्यमंत्री जनता दरबार, न्यायालय संबंधी रिपोर्टिंग, दैनिक पत्राचार, सरकारी परीक्षाओं का संचालन, चुनाव कार्य, स्वास्थ्य एवं शिक्षा संस्थानों का निरीक्षण, पीडीएस, नल-जल योजना, आपदा राहत कार्य आदि का नियमित रूप में निष्यादन किया जाता है। इन सभी कार्यों के बावजूद हमारे जिले की पीओपी रैंकिंग उत्कृष्ट स्थिति में है।
हर छोटी बात कर देते हैं जेल भेजने की धमकी
सभी सीओ का कहना है कि, इसके बावजूद बैठक में उच्च अधिकारियों द्वारा लगातार आलोचना करता, हर छोटी बात पर जेल भेजने की धमकी देना और अपमानजनक गालियां देना न केवल हमारी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा रहा है बल्कि हमारे आत्मबल को भी कमजोर कर रहा है। सीओ ने डीएम को आवेदन के माध्यम से कहा है कि आप अवगत हैं कि लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी तथा आपदा प्रबंधन में हमारी भूमिका की वजह से हम सभी अधिकारी 24 घंटे अपने कार्यक्षेत्र में उपलब्ध रहते हैं। इसके बावजूद बिना किसी छुट्टी के लगातार कार्य करने के बदले अपमानजनक गालियां सुनना हमारे लिए अस्वीकार्य है।
मानसिक और शारीरिक रुप से थक गए हैं सभी सीओ
सभी सीओ व राजस्व अधिकारियों का कहना है कि वो वैशाली डीएम की बैठक में उनके द्वारा किए जा रहे अपमानजनक व्यवहार के कारण मानसिक और शारीरिक रुप से थक चुके हैं। हर दिन 2-3 घंटे वीडिय़ो कॉफ्रेंसिंग के बाद जिला मुख्यालय में बैठकों का आयोजन किया जाता है। साथ ही बिना किसी कारण के महिला अधिकारियों को भी देर रात कार्यालय समय से बाहर बैठक में शामिल होने के लिए बाध्य किया जाता है। जो ना सिर्फ अनुचित है बल्कि अमर्यादित भी है। सभी सीओ का कहना है कि डीएम के इस व्यवहार से राजस्व एवं भूमि सुधार के नियमित कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
डीएम से किया आग्रह
सभी सीओ का कहना है कि डीएम के इस आचरण से कार्यक्षमता और पीओपी रैंकिंग पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सभी सीओ ने इस आवेदन के माध्यम से वैशाली डीएम से आग्रह किया है कि वो अपने व्यवहार में सुधार लाएं, अपनी भाषा में सुधार लाएं नहीं तो सभी आधिकारी सामूहिक अवकाश पर जाने के लिए विवश हो जाएंगे।
जिला प्रशासन ने क्या कहा...
आज 26 तारीख को 'न्यूज़ 4नेशन' ने खबर प्रसारित किया. "चोर बेहूदा कहने पर बिफरे जिले के सीओ". जिला प्रशासन ने कहा कि 25 तारीख को इस प्रकार की कोई भी घटना घटित नहीं हुई है। जिलाधिकारी द्वारा योजनाओं की समीक्षा के क्रम में लंबे समय से लंबित पाए गए मामलों में उनके यथाशीघ्र निष्पादन हेतु निर्देश दिए गए थे, तथा संबंधित पदाधिकारी को स्वयं स्थल पर जाकर मामलों के लंबित होने के कारणों की जांच करने का निर्देश दिया गया था. लंबे समय तक किसी योजना के लंबित रहने पर योजना का लाभ लाभुकों को समय से नहीं मिल पाता, साथ ही योजना लंबित रहने पर भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलता है. जिस कारण जिलाधिकारी ने लाभुकों को यथाशीघ्र योजना का लाभ देने हेतु निर्देशित किया था. उनके द्वारा किसी पदाधिकारी के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया था. बैठक में योजनाओं के लंबित मामलों के आवेदक तथा विभिन्न तेल कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे.