IAS Pooja Singhal: झारखंड कैडर की चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को निलंबन से मुक्त कर दिया गया है। मनरेगा घोटाले में मनी लांड्रिंग के आरोप में 11 मई 2022 को गिरफ्तार हुईं पूजा सिंघल अब कार्मिक विभाग में योगदान देंगी। उनका निलंबन समाप्त करने का निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी की अनुशंसा पर लिया गया है।
पूजा सिंघल: एक परिचय
पूजा सिंघल, मूल रूप से देहरादून की रहने वाली हैं और अपने स्कूल से लेकर कॉलेज तक टॉपर रहीं। उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री लेने के बाद, 1999 में 21 वर्ष की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाई और आईएएस बनीं। निलंबन से पहले वे झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक और खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव थीं।
मनरेगा घोटाला: मनी लांड्रिंग का आरोप
मनरेगा घोटाले में मनी लांड्रिंग के आरोप लगने के बाद पूजा सिंघल के घर पर छापेमारी हुई। जांच के दौरान, उन्हें 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया और तब से वे जेल में थीं। हाल ही में उन्हें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 479 के तहत रिहा किया गया है, जिसमें प्रावधान है कि पहली बार अपराध करने वाले व्यक्ति, जो सजा का एक तिहाई समय जेल में बिता चुके हैं, वे जमानत के हकदार होते हैं।
पुनः कार्मिक विभाग में योगदान
उनका निलंबन समाप्त होने के बाद, पूजा सिंघल को कार्मिक विभाग में योगदान देने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम उनके करियर में एक नई शुरुआत का संकेत देता है, जिसमें वे प्रशासनिक जिम्मेदारियों को संभालने के लिए तैयार हैं।
योगेंद्र तिवारी मामला: मनी लांड्रिंग के आरोप
इस बीच, एक अन्य मामले में शराब घोटाले की राशि का मनी लांड्रिंग करने के आरोपी योगेंद्र तिवारी की डिस्चार्ज याचिका पर 30 जनवरी को सुनवाई होगी। तिवारी ने ईडी कोर्ट में अपनी निर्दोषता की दलील दी है। उन्हें 19 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था।
पूजा सिंघल का निलंबन समाप्त
पूजा सिंघल का निलंबन समाप्त होने और जेल से रिहाई के बाद उनके करियर में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। यह मामला झारखंड के प्रशासनिक और राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बन गया है, और आने वाले दिनों में इस पर और भी ध्यान दिया जाएगा।