Jharkhand assembly election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और आजसू पार्टी ने गठबंधन किया है। इस बार बीजेपी ने आजसू के लिए 10 सीटें छोड़ी हैं। इस समझौते के तहत दोनों पार्टियां एक साथ चुनाव लड़ेंगी और राज्य की राजनीति में नया मोड़ लाएंगी। यह गठबंधन राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि दोनों दलों का ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत जनाधार है।
आजसू ने 8 सीटों के लिए घोषित किए उम्मीदवार
आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने 20 अक्टूबर 2024 को पहली उम्मीदवार सूची जारी की। इसके तहत कुल 8 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। सुदेश महतो खुद सिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जो उनका पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र है। यह कदम उनके राजनीतिक कद को और बढ़ाने का प्रयास माना जा रहा है।
उम्मीदवारों की सूची में प्रमुख नाम
आजसू की पहली सूची में घोषित किए गए अन्य उम्मीदवारों के नाम इस प्रकार हैं:
सुदेश महतो (सिल्ली)
अन्य सीटों के उम्मीदवारों की जानकारी जल्द ही अपडेट की जाएगी।
यह घोषणा पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद हुई है, जिसमें पार्टी के प्रमुख नेताओं ने चुनावी रणनीति पर चर्चा की। इसका उद्देश्य पार्टी को आगामी चुनावों में मजबूती से उतारना है।
मनोहरपुर और डुमरी के लिए उम्मीदवारों का ऐलान नहीं
हालांकि आजसू ने 8 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, लेकिन मनोहरपुर और डुमरी सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान अभी तक नहीं किया गया है। मनोहरपुर सीट पर पार्टी के कई दावेदार हैं, जबकि डुमरी सीट पर पिछली बार यशोदा देवी ने चुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्हें जेएमएम के प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी के महासचिव राजेंद्र महतो ने कहा कि इन सीटों के लिए जल्द ही दूसरी सूची जारी की जाएगी।
बीजेपी की ओर से 68 सीटों पर उम्मीदवार
बीजेपी की ओर से 68 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना है। इसमें से 66 सीटों के लिए पहले ही उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जा चुका है। बरहेट और टुंडी सीटों के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा अभी बाकी है, जिनकी जानकारी जल्द साझा की जाएगी।
गठबंधन का महत्व
बीजेपी और आजसू का गठबंधन राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। दोनों दलों के बीच यह समझौता राज्य की सत्ता में वापसी के लिए एक मजबूत रणनीति माना जा रहा है। झारखंड की राजनीति में आजसू का जनाधार ग्रामीण क्षेत्रों में है, और बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से वोटों का ध्रुवीकरण संभव है।
चुनावी रणनीति
इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य राज्य में विपक्षी पार्टियों, खासकर जेएमएम और कांग्रेस, को कड़ी चुनौती देना है। बीजेपी के पास एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा है, जबकि आजसू की पकड़ ग्रामीण इलाकों में गहरी है। इससे गठबंधन को राज्य के प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में फायदा हो सकता है।