Jharkhand News: झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर होती जा रही है. इस लचर व्यवस्था का खामियाजा राज्य के आम लोगों को तो छोड़िए सांसद तक को भुगतना पड़ रहा है. ताजा मामला झारखंड के चतरा लोकसभा क्षेत्र के सांसद कालीचरण सिंह को दिल का दौरा पड़ने के बाद रांची स्थित रिम्स भेजा जा रहा था. इस दौरान, एंबुलेंस का डीजल रास्ते में खत्म हो गया, जिससे स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई. सांसद के बेटे ने अपनी जेब से पैसे खर्च करके डीजल भरवाया और तब जाकर सांसद को रांची लाया गया. घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
वहीं इस मामले पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गंभीरता से संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि यदि सांसद की जगह कोई अन्य होता तो उसकी जान जा सकती थी. यह लापरवाही स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है.
सांसद कालीचरण सिंह को एम्बुलेंस 108 से सदर अस्पताल से गिद्धौर ले जाया गया. चूंकि एम्बुलेंस 108 की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई थी, इसलिए जल्द से जल्द रांची पहुंचने के लिए एम्बुलेंस को गिद्धौर में स्थानांतरित कर दिया गया. सांसद को सदर अस्पताल में एनटीपीसी द्वारा उपलब्ध कराई गई एम्बुलेंस में स्थानांतरित किया गया और रांची ले जाया गया. रास्ते में रामगढ़ और ओरमांजी के बीच एंबुलेंस का डीजल खत्म हो गया. तब डिप्टी के बेटे ने अपने पैसे से डीजल इंजन में ईंधन भरवाया. इसके बाद सांसद को रिम्स ले जाया गया.
वहीं भाजपा पार्टी ने इस घटना के लिए स्थानीय सिविल सर्जन और उपाधीक्षक को दोषी ठहराया है. भाजपा जिला अध्यक्ष रामदेव सिंह भोगता ने कहा कि यह अव्यवस्था की पराकाष्ठा है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
यह घटना न केवल एक सांसद बल्कि किसी भी मरीज के लिए गंभीर खतरे का संकेत देती है जब आपातकालीन सेवाएं का हाल ये है तो सामान्य सेवाओं का हाल क्या होगा इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है.