RANCHI : झारखंड विधान सभा चुनाव में हार के बाद राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा फैसला लेते हुए अब अपनी रणनीति में बदलाव के संकेत दिए हैं। बीजेपी ने मास्टरस्ट्रोक खेलते हुए संगठन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है।
हेमंत सोरेन की बढ़ी टेंशन
झारखंड में आने वाले दिनों में निकाय के चुनाव होने वाले हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में भाजपा ने बूथ से लेकर मंडल स्तर तक ओबीसी और आदिवासी नेताओ की नई टीम तैयार करने में जुटी है। इससे हेमंत सोरेन के लिए टेंशन बढ़ सकती है।
भाजपा ने कसी कमर
हालांकि यह निकाय चुनाव दलिय स्तर पर होंगे या नहीं, यह अभी तय नहीं है। लेकिन भाजपा अपने नेताओं को जीत दिलाने के लिए अभी से कमर कस ली है। इसी क्रम में भाजपा आदिवासी नेताओं की टीम तैयार करने में जुट गई है और इसके लिए आरएसएस और विद्यार्थी परिषद की पृष्ठभूमि वाले कार्यकर्ताओं की पहचान भी की जा रही है।
जनाधार पाने की कोशिश में बीजेपी
विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी अपना जनाधार फिर से पाने के लिए मशक्कत कर रही है। इसी के साथ ओबीसी समुदाय को मजबूती से अपने साथ जोड़कर पार्टी अगले पांच सालों में एक मजबूत आधार तैयार करने में जुटी है।
केन्द्रीय नेतृत्व ने भी दी जिम्मेदारी
भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी संगठन को मजबूत करने के लिए दिशा-निर्दैश दिए हैं। इसके लिए कार्यकर्ताओं को ओबीसी-आदिवासी समुदाय के बीच आधार मजबूत करने को कहा गया है। केन्द्रीय नेतृत्व ने इन दोनों समुदायों के लिए किए गए कामों को उन तक पहुंचाने का जिम्मा दिया है।
अभिषेक सुमन की रिपोर्ट