RANCHI : टाटा कॉलेज चाईबासा के मुख्य अकाउंट से चार करोड़ रुपए के अवैध निकासी का मामला सामने आया है। चाईबासा स्थित पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक ने 18 फरवरी को इसकी जानकारी सार्वजनिक की है। फिलहाल दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
बैंक मैनेजर की भी हो सकती है भूमिका
दरअसल ए अकाउंट कॉलेज का होता है और इस अकाउंट से अवैध निकासी करना इतना आसान नहीं होता। क्योंकि इस अकाउंट के संचालन के लिए विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और वित्त पदाधिकारी अधिकृत होते है। ऐसे में बैंक मैनेजर की भूमिका होने की भी बात कही जा रही है।
फर्जी हस्ताक्षर से की गई निकासी
इस मामले में कोल्हन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. परशुराम सियाल की ओर से चाइबासा के मुफ्फसिल थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस प्राथमिकी में बताया गया है कि विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डा. विनय कुमार सिंह व टाटा कॉलेज चाइबासा के अर्थपाल ने फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर कॉलेज के ए अकाउंट के चार करोड़ की निकासी की है।
पदाधिकारियों को दी गई सूचना
दर्ज प्राथमिकी में यह भी बताया गया है कि इस राशि को कटक और रामगढ़ की एक कंपनी के नाम पर ट्रांसफर किया गया है जिसकी सूचना कोल्हन विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा राजभवन एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों को लिखित रुप में दे दी गई है।
कई अधिकारियों से पूछताछ संभव
वहीं थाना प्रभारी रंजीत उराव का कहना है कि इस मामले का अनुसंधान बुधवार से शुरु किया जाएगा और पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर से भी पूछताछ की जाएगी। थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि कॉलेज के ए अकाउंट से राशि की निकासी नहीं की जा सकती है। इसे पहले बी अकाउंट में ट्रांसफर करना अनिवार्य होता है और निकासी के समय प्रिसिपल का भी हस्ताक्षर अनिवार्य होता है। ऐसे में विश्वविद्यालय के लेखा विभाग की भी भूमिका शक के दायरे में है और इन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
अभिषेक-सुमन की रिपोर्ट