N4Nडेस्क: 28 महीनों तक जेल में बंद रही निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल को बीते वर्ष 7 दिसम्बर 2024 को PMLA कोर्ट से जमानत मिल गई थी. तदुपरांत बाद इसी वर्ष जनवरी माह मे झारखण्ड सरकार ने उनका निलंबन वापस लेते हुए उन्हें कार्मिक विभाग में योगदान देने को कहा था.लेकिन आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है.दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमएलए कोर्ट में एक याचिका दायर की है. इस याचिका में ईडी ने अपील की है कि पूजा सिंघल को कोई भी महत्वपूर्ण पद न दिया जाए.
ईडी ने हाल ही में एक याचिका विशेष न्यायालय में दायर की, जिसमें उन्होंने यह कहा कि पूजा सिंघल को अभी कोई महत्वपूर्ण पद देना जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है. ईडी ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ मामला अभी चल रहा है और इसलिए किसी प्रमुख पद पर उनकी नियुक्ति उचित नहीं होगी. विदित हो की प्रर्वतन निदेशालय ने मनरेगा घोटाला मामले में उन्हें साल 2022 में गिरफ्तार किया था. हालांकि इस मामले की सुनवाई 15 फरवरी को होनी थी लेकिन कोर्ट बंद होने के कारण इसकी सुनवाई नहीं हो सकी है.
मनरेगा घोटाले में आईएस का नाम
आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल पर आरोप है कि उन्होंने 2009 से 2010 के दौरान खूंटी की डीसी रहते हुए मनरेगा योजना के तहत बिना किसी काम के 18 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. मई 2022 में जब ईडी ने इस मामले में जांच शुरू की, तब उनके सीए सुमन कुमार के पास से 19 करोड़ रुपये बरामद हुए थे. इसके अलावा, ईडी ने इस मामले में 82.77 करोड़ रुपये मूल्य की चल अचल संपत्ति भी जब्त की थी.