N4N Desk:झारखंड राज्य की बड़ी आबादी अपने जीवन-यापन के लिए कृषि पर आधारित है। उनके और उनके परिवार की आजीविका का एक मात्र साधन खेती है। ऐसे में किसानों के लिए सुखाड़ एक बड़ी समस्या बन जाती है।सरकार ने इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री सुखाड़ योजना की शुरुआत की है।
किसान परिवारों के भरन-पोषण के लिए मिलती है सहायता
झारखंड सरकार की इस योजना के तहत सुखाड़ से पीड़ित किसान परिवारों के भरन-पोषण के लिए उन्हें 3500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है,जिससे इन परिवारों के नुकसान की भरपाई की जा सके। इस साल यानि 2025 में इस योजना के तहत करीब तीस लाख से अधिक किसान परिवारों को सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
22 जिलों के कुल 226 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित
वर्ष 2025 में सरकार ने 22 जिलों के कुल 226 प्रखंडो को सूखाग्रस्त घोषित किया है। झारखंड सरकार ने अपने जारी आंकड़े में कहा है कि इस साल करीब तीस लाख से अधिक किसान सुखे की चपेट में हैं। बारिश कम होने की वजह से किसानो का फसल खराब हुआ है। फसल खराब होने की वजह से किसान परिवारों पर आर्थिक बोझ आ जाता है और वे कर्ज के दवाब में आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं। किसानों की इसी परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखाड़ योजना की शुरुआत की गई है।
33 प्रतिशत से ज्यादा फसलें सुखा से प्रभावित हो
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को झारखंड का मूल निवासी होना चाहिए। इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनकी 33 प्रतिशत से ज्यादा फसलें सुखा से प्रभावित हुई हो और उक्त किसान किसी भी अन्य बीमा योजना का लाभ नहीं ले रहा हो।
आवश्यक दस्तावेज होना जरुरी
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपना पंजीकरण किसी नजदीकी प्रज्ञा केंद्र पर जा कर करना आवश्यक होता है। किसानों के पास आवश्यक दस्तावेज होना जरुरी है। इन दस्तावेजों मे आधार कार्ड,राशन कार्ड, किसान आईडी कार्ड, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता का विवरण, खसरा नंबर और निवास प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है अथवा किसान इस योजना के अंकर्गत मिलने वाले लाभ से वंचित रह जाएंगे।
अभिषेक-सुमन की रिपोर्ट