Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन सदन में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की वर्तमान कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के लोग हेमंत है तो हिम्मत है का नारा देते हैं लेकिन राज्य की जनता को लगता है कि हेमंत है तो अपराधियों को हिम्मत है।
हत्या के मामले में वृद्धि
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में पिछले कुछ दिनों से आपराधिक घटनाओँ और हत्या के मामले में वृद्धि हुई है। उन्होंने कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा पर की गई फायरिंग,चान्हो में हुए साधुओँ की हत्या और हजारीबाग के डीजीएम कुमार गौरव की हत्या का मुद्दा सदन में उठाया।
जेल राज्य सरकार के नियंत्रण के बाहर है?
बाबूलाल मरांडी ने कानून व्यवस्था को राज्य का सबसे ज्वलंत मुद्दा बताते हुए इस विषय पर चर्चा की मांग की। सदन की कार्यवाई दोबारा शुरु होने पर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने भी राज्य के कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए राज्य के डीजीपी के कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि डीजीपी कहते हैं कि राज्य में हो रही सभी घटनाओं की योजनाएं जेल से बनती है, तो क्या झारखंड का जेल राज्य सरकार के नियंत्रण के बाहर है? जब जेल इसी राजधानी में हे तो वहां से संचालित अपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण करने में डीजीपी असफल हैं। इस बीच भाजपा विधायक ने नारेबाजी करते हुए वेल में चले गए। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
अभिषेक-सुमन की रिपोर्ट