झारखंड में पदस्थापित एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी के दो बेटे का जन्म महज 17 दिन में हुआ है, यह दावा हाल ही में सामने आया है। इस अविश्वसनीय घटनाक्रम ने सभी को हैरान कर दिया है। तत्कालीन उपायुक्त, रामगढ़ एवं वर्तमान नगर आयुक्त, राँची संदीप सिंह, IAS के पुत्र के जन्म का व्यौरा भी भ्रष्टाचार का नमूना है। इनके बेटे का दो जन्म प्रमाण पत्र है। एक में जन्म तिथि 03.06.2019 अंकित है, इस प्रमाण पत्र को दिनांक 24.12.2019 को जारी किया गया एवं दूसरे में जन्म तिथि 17.05.2019 अंकित है । यानी 17 दिन में हीं दो बेटों का जन्म हो गया है।
इस प्रमाण पत्र को दिनांक 11.06.2021 को जारी किया गया। दोनो ही रामगढ़ से बना हुआ है। दोनों प्रमाण पत्रों में बेटे का नाम अलग-अलग अंकित है। दिनांक 03.06.2019 के प्रमाण पत्र में बेटे का नाम ADI SINGH, माता का नाम SHIVANI SINGH, पिता का नाम SANDEEP SINGH अंकित है। दिनांक 17.05.2019 के प्रमाण पत्र में बेटे का नाम ADVAIT SINGH, माता का नाम-SHIVANI SINGH, पिता का नाम SANDEEP SINGH अंकित है। दोनों ही प्रमाण पत्रों में जन्म तिथि में अंतर मात्र 17 दिन का ही है।
इसलिए दो अलग पुत्रों का नाम एवं जन्म तिथि नहीं हो सकता। दोनों ही जन्म तिथियों में जन्म का स्थान उपायुक्त, रामगढ़ का आवास ही अंकित है वो है :-CHHATTAR MANDU, RAMG ARH, CANTON MENT (CB), RAMGARH, RAMGARH, JHARKHAND, PIN 825101 एक ही स्थान पर एक ही माता-पिता से 17 दिन के अंतर पर दो पुत्रों (दो संतानों) का जन्म नहीं हो सकता।
प्रमाण पत्रों में अंकित तिथियों के समय पुत्र जन्म के समय 17.05.2019 एवं 03.06.2019 को श्री संदीप सिंह, साहेबगंज में उपायुक्त थे। 01.07.2019 को वे रामगढ़ में उपायुक्त बने। यह आश्चर्यजनक है कि उपायुक्त, साहेबगंज का पुत्र रामगढ़ उपायुक्त आवास पर जन्म लिया।
दोनों ही जन्म तिथियों के निबंधन के समय वे रामगढ़ के उपायुक्त थे। इसलिए दोनो ही प्रमाण पत्र froud एवं गलत जन्म प्रमाण पत्र है। उपायुक्त जिला निबंधक (जन्म-मृत्यु) होता है। जब उपायुक्त ही फर्जीवाड़ा करेगा तो अन्य के बारे में बात करना बेकार है। उपायुक्त-सह-जिला निबंधक द्वारा फर्जीवाड़ा कर एवं अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर गलत जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है।