Death certificate - अपनों का डेथ सर्टिफिकेट बनाने के लिए पांच पड़ोसियों से लेना होगा प्रमाण, सरकार ने बदल दिया नियम

Death certificate - अपनों का डेथ सर्टिफिकेट बनाना है, तो पड़ोसियों से रिश्ता बेेहतर रखना होगा, क्योंक सरकार ने इसको लेकर नया नियम बना दिया है।

Death certificate - अपनों का डेथ सर्टिफिकेट बनाने के लिए पां

N4N Desk - अपनों की मौत के  बाद उनका डेथ   सर्टिफिकेट बनाना अब मुश्किल हो गया   है। सरकार ने इसके नियमों में बदलाव कर दिया है। नय नियम में अब किसी के डेथ सर्टिफिकेट बनाने के लिए अब पांच   पड़ोसियों से इसकी लिखित पुष्टि करानी होगी। उसके बाद ही डेथ सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

पूरा मामला झारखंड से जुड़ा है। जहां नगर निगम चुनाव नहीं होने के कारण मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना आम लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। पहले वार्ड पार्षद के सत्यापन पर प्रमाण पत्र जारी हो जाता था।

लेकिन चुनाव न होने से पार्षदों के पद रिक्त हैं। ऐसे में अब रांची नगर निगम आवेदकों से मृतक और खुद के अलावा पांच पड़ोसियों का आधार कार्ड और शपथ पत्र मांग रहा है।

शपथ पत्र में देनी होगी यह जानकारी

इन शपथ पत्रों में पड़ोसियों को लिखित रूप से यह प्रमाणित करना पड़ता है कि वे मृतक को 25 वर्षों से जानते हैं, उसकी मृत्यु घर पर हुई है और अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर किया गया। इसमें किसी प्रकार की गलती पाई गई तो वह स्वंय जिम्मेदार होंगे। 

शपथ पत्र लेना सबसे मुश्किल काम

मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नई प्रक्रिया लोगों के लिए भारी सिरदर्द बन गई है। पड़ोसियों से आधार और शपथ पत्र लेना आसान नहीं है। इसके अलावा श्मशान घाट या कब्रिस्तान से भी प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है। 

पहले की प्रक्रिया में केवल मृतक और आवेदक का आधार कार्ड, वार्ड पार्षद का सत्यापन और श्मशान घाट का प्रमाण पत्र ही पर्याप्त था। लेकिन मृतक के खून के रिश्तेदारों का आधार कार्ड प्रमाण के रूप में मान्य नहीं कर रहा है। निगम का तर्क है कि इसमें फर्जीवाड़े की संभावना रहती है, इसलिए पड़ोसियों का प्रमाणन जरूरी है। अब पार्षद के स्थान पर पड़ोसियों का प्रमाणन जरूरी कर दिया गया है।