Bihar News: बिहार में शराबबंदी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है शराबबंदी. अपने सपने को साकार करने के लिए नीतीश कुमार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. तब से इतने साल बीत गए, लेकिन मुख्यमंत्री ने शराबबंदी कानून को वापस नहीं लिया है. यह तो एक पक्ष हुआ.दूसरा पक्ष भी देख लीजिए. सूबे में सिर्फ कहने को शराबबंदी है..यहां तो पग-पग पर शराब की सप्लाई हो रही है. इस अवैध धंधे में सरकार के अधिकारी-कर्मचारी से लेकर सत्ताधारी दल के नेता भी लगे हुए हैं. सब मिल जुल कर माल बना रहे. एक ऐसा ही केस खगड़िया जिले से सामने आई है, जहां नीतीश कुमार की पार्टी के एक नेता के परिसर से शराब बरामद हुई. थाने में मुकदमा दर्ज हुआ. जेडीयू नेता पर दर्ज मुकदमे को सत्य करार देते हुए जांच अधिकारी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है. पुलिस ने अपना काम कर लिया,लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी अभी भी उसे पद पर बिठाये हुए है,यानि जेडीयू में पद पाने के लिए शराब माफिया होना जरूरी है.
हुजूर...सुधार अपने घऱ से कीजिए
कहा जाता है कि सुधार की शुरूआत अपने घर से किया जाना चाहिए। लेकिन शराब मामले में ऐसा नहीं हो रहा. शराब के अवैध धंधे में लिप्त पाए जाने पर पुलिसकर्मी-अधिकारी पर तो कार्रवाई होती है, लेकिन सत्ताधारी दल के नेता पर कोई कार्रवाई नहीं होती. 22 अप्रैल 2024 को पुलिस ने जेडीयू के एक प्रखंड अध्यक्ष के निजी परिसर से शराब बरामद की थी. पुलिस ने जेडीयू के प्रखंड अध्यक्ष के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज किया. पुलिस ने जांच में आरोप सत्य पाया. जांच अधिकारी ने आरोप सत्य पाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया. लेकिन प्रखंड अध्यक्ष अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं. मामला खगड़िया जिले के गोगरी प्रखंड के जेडीय अध्यक्ष माया राम से जुड़ा है.
जेडीयू प्रखंड के खिलाफ अप्रैल 2024 में केस...अगस्त 2024 में चार्जशीट
गोगरी थाना की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर 22 अप्रैल 2024 को गोगरी जमालपुर कुर्मी टोला में मायाराम मंडल के आवास की तलाशी ली थी. जानकारी मिली थी कि वे अपने आवास पर देसी शराब की खरीद बिक्री कर रहा था. पुलिस जब वहां पहुंची तो तलाशी ली गई ,जिसमें एक घर में भूसा में रखे लाल रंग का गैलन मिला. जिसमें लगभग पांच लीटर देसी शराब बरामद हुआ था. इस दौरान मायाराम को खोज किया गया, तो वह अपने आवास पर नहीं मिले . जब्ती सूची की एक प्रति उनके आवास पर चिपका दिया गया था. इस मामले में पुलिस ने गोगरी थाने में 146/ 24 केस दर्ज किया था. पुलिसिया अनुसंधान में यह मामला सत्य पाया गया. आईओ ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया. जिसमें कहा गया है कि प्राथमिकी अभियुक्त माया राम के खिलाफ मामला सत्य पाया गया है. केस के आईओ रंजन कुमार ने मायाराम मंडल के खिलाफ 26 अगस्त 2024 को चार्जशीट समर्पित किया है.
जेडीयू जिलाध्यक्ष बोले- चार्जशीट दाखिल किये जाने की जानकारी नहीं
इस संबंध में खगड़िया जिला जेडीयू अध्यक्ष बबलू मंडल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि गोगरी प्रखंड अध्यक्ष माया राम के खिलाफ दर्ज शराब केस को पुलिस द्वारा सत्य करार दिए जाने और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. जहां तक प्रखंड अध्यक्ष के खिलाफ शराब संबंधी केस दर्ज किए जाने की बात थी, वो लोकल राजनीति के चलते दर्ज किया गया था. शराब उसके घऱ से नहीं मिला था, बल्कि खेत से मिला था. प्रखंड अध्यक्ष को फंसाया गया है.