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गुलेन बैरी सिंड्रोम: एक जानलेवा बीमारी जिसने ली पहली जान, जानें कारण और इलाज

गुलेन बैरी सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो मांसपेशियों की कमजोरी और नसों में सूजन का कारण बनती है। इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानें विस्तार से।

गुलेन बैरी सिंड्रोम

हाल ही में महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में गुलेन बैरी सिंड्रोम (GBS) से पहली मौत दर्ज की गई। यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो मांसपेशियों की कमजोरी, नसों की क्षति, और सांस लेने में परेशानी का कारण बनती है।


गुलेन बैरी सिंड्रोम क्या है?

गुलेन बैरी सिंड्रोम एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपनी ही नसों (पेरीफेरल नर्व्स) पर हमला करता है। इससे नसों में सूजन हो जाती है और सिग्नल ट्रांसमिशन बाधित हो जाता है। यह बीमारी आमतौर पर बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के बाद विकसित होती है, जब इम्यून सिस्टम गलत तरीके से सक्रिय हो जाता है।


GBS के लक्षण:

मांसपेशियों में कमजोरी और थकान

हाथ-पैरों में झुनझुनी और सुन्नता

सांस लेने में कठिनाई

गर्दन और शरीर के अंगों को हिलाने में परेशानी

चेहरे पर सूजन

धुंधली दृष्टि और चक्कर आना

तेज धड़कन या अनियमित हृदय गति


GBS कितना खतरनाक है?

ब्लड क्लॉटिंग का खतरा: इस बीमारी में खून के थक्के जमने की संभावना बढ़ जाती है।

सांस लेने में रुकावट: 20% मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत होती है।

जीवन पर प्रभाव: 7.5% मरीजों की मौत होती है, और 25% मरीज 6 महीने तक चलने-फिरने में असमर्थ रहते हैं।

लंबे समय तक रिकवरी: कई मरीजों को पूरी तरह ठीक होने में एक साल तक का समय लग सकता है।


GBS का इलाज और प्रबंधन:

इस बीमारी का इलाज समय पर किया जाए तो मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है। प्रमुख उपचारों में शामिल हैं:


प्लाज्मा एक्सचेंज (Plasmapheresis):

खून से हानिकारक एंटीबॉडी हटाकर स्वस्थ प्लाज्मा डाला जाता है।


इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी:

एक प्रोटीन जो इम्यून सिस्टम को स्थिर करता है।


फिजियोथेरेपी:

मांसपेशियों की ताकत और मूवमेंट सुधारने के लिए यह महत्वपूर्ण है।


दर्द प्रबंधन:

विशेष दवाओं और तकनीकों से दर्द को नियंत्रित किया जाता है।


वोकेशनल थेरेपी:

रोजमर्रा की गतिविधियों में मरीज की सहायता करती है।


कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स:

सूजन को कम करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।


रोकथाम कैसे संभव है?

हालांकि GBS को पूरी तरह से रोक पाना मुश्किल है, लेकिन बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। इम्यूनिटी मजबूत बनाए रखने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करें।


निष्कर्ष:

गुलेन बैरी सिंड्रोम एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य बीमारी है। सही समय पर इलाज से मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है। इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना जरूरी है, ताकि शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज कराया जा सके।

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