Bihar records high cancer: बिहार में कैंसर का विकराल रूप, देश में मरीजों की संख्या बढ़ी, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सर्वाधिक
बिहार में लगभग 1,15,123 कैंसर रोगी पंजीकृत हैं, जो इस बीमारी की गंभीरता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।...
Bihar records high cancer: देश में कैंसर जैसी घातक बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है और यह जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक कैंसर पीड़ित मरीज हैं, जबकि महाराष्ट्र और बिहार में भी रोगियों की संख्या लगातार इज़ाफ़ा कर रही है। विशेष रूप से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले चिंताजनक रूप ले चुके हैं। बिहार में लगभग 1,15,123 कैंसर रोगी पंजीकृत हैं, जो इस बीमारी की गंभीरता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने संसद में बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में देश में सभी प्रकार के कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 15 लाख से अधिक हो गई है। वहीं, पिछले पांच सालों में कैंसर मरीजों की संख्या में लगभग 2 लाख का इज़ाफ़ा दर्ज किया गया है। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि कैंसर अब किसी एक क्षेत्र या आयु वर्ग तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह देशव्यापी स्वास्थ्य संकट बन गया है।
राजधानी दिल्ली में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे अधिक पाए गए हैं। 2023 में यहां 3,198 मामले दर्ज हुए थे, जो 2025 में बढ़कर 3,321 हो गए हैं। वहीं, सर्वाइकल कैंसर के मामलों में हल्की कमी आई है 741 से घटकर 692 केस रह गए। पुरुषों में फेफड़ों और मुंह के कैंसर के मामले धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं, जो वायु प्रदूषण, तंबाकू सेवन और जीवनशैली के कारण हैं।
पंजाब में भी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले अधिक सामान्य हैं, जहां 2025 तक यह संख्या 3,388 तक पहुँच गई है। पुरुषों में यहां प्रोस्टेट और मुंह के कैंसर के मामले प्रमुख हैं, और अनुमान है कि 2025 तक प्रोस्टेट कैंसर के मरीज 1,170 से अधिक हो जाएंगे।
आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि कैंसर केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य की समस्या नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और नीतिगत ध्यान का विषय बन चुका है। शुरुआती पहचान, नियमित स्क्रीनिंग, जीवनशैली में सुधार और स्वास्थ्य शिक्षा ही इस विकराल बीमारी से मुकाबले का प्रभावी तरीका है। विशेषज्ञों का कहना है कि रोगियों को समय पर निदान और उपचार मिलना अत्यावश्यक है, ताकि मृत्यु दर को कम किया जा सके और रोगियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार हो।