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शरीर की कमजोरी हो सकती है गुलेन बैरी सिंड्रोम, जानें लक्षण और इलाज

गुलेन बैरी सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जो मांसपेशियों की ताकत को कमजोर करती है और लकवे तक की स्थिति पैदा कर सकती है। जानें इसके लक्षण, कारण और प्रभावी इलाज के विकल्प।

गुलेन बैरी सिंड्रोम

आजकल दुर्लभ बीमारियों में एक नाम तेजी से चर्चा में है – गुलेन बैरी सिंड्रोम (GBS)। यह एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जो हमारे शरीर की पेरीफेरल नर्व्स (परिधीय नसों) को प्रभावित करती है। इससे शरीर में कमजोरी, झनझनाहट और कई बार लकवे तक की स्थिति बन सकती है। आइए, जानते हैं इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में।


गुलेन बैरी सिंड्रोम: क्या है यह बीमारी?

गुलेन बैरी सिंड्रोम एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही नसों को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसकी वजह से नसों में सूजन आ जाती है और मांसपेशियों की ताकत कम होने लगती है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक (NINDS) के अनुसार, यह एक रेयर बीमारी है जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है।


GBS के प्रमुख लक्षण

धड़कन का तेज होना

सांस लेने में तकलीफ

हाथ-पांव में झनझनाहट

गर्दन घुमाने में समस्या

मांसपेशियों की कमजोरी

चेहरे पर सूजन और झुकाव

आंखों के सामने धुंधलापन


यह बीमारी कितनी खतरनाक है?

GBS का प्रभाव व्यक्ति की मांसपेशियों से लेकर जीवन के अन्य कार्यों पर पड़ता है। कुछ गंभीर मामलों में मरीज को वेंटिलेटर पर भी जाना पड़ सकता है। NINDS के आंकड़ों के अनुसार, इस बीमारी से हर साल 7.5% मरीजों की मौत हो जाती है।


गुलेन बैरी सिंड्रोम के इलाज के तरीके

इस बीमारी का इलाज समय पर हो तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है। प्रमुख इलाज निम्नलिखित हैं:


प्लाज्मा एक्सचेंज (Plasma Exchange):

ब्लड से इम्यून कोशिकाओं को हटाकर फ्रेश प्लाज्मा डाला जाता है।


इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी:

इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए एक खास प्रोटीन दिया जाता है।


फिजियोथेरेपी और वोकेशनल थेरेपी:

मांसपेशियों और जॉइंट्स को मजबूत बनाने और दैनिक कार्यों में मदद के लिए यह थेरेपी उपयोगी है।


पेन मैनेजमेंट:

इससे दर्द को कम किया जा सकता है।


बचाव के उपाय और सलाह

संतुलित आहार लें और शरीर को एक्टिव रखें।

शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें।

विशेषज्ञ डॉक्टर से समय पर संपर्क करें।

Disclaimer: यह लेख केवल जागरूकता के लिए है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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