सर्दियों में चाय और कॉफी का आनंद लेना हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा है। चाहे घर में हों या बाहर, एक गरम कप चाय या कॉफी की तलब हर किसी को होती है। बाहर मिलने वाली चाय-कॉफी अक्सर डिस्पोजेबल पेपर कप्स में परोसी जाती है। हालांकि यह सुविधाजनक लगता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए धीमे जहर के समान हो सकता है?
पेपर कप्स में छिपा खतरा
पेपर कप्स को वाटरप्रूफ बनाने के लिए उनमें एक पतली प्लास्टिक कोटिंग लगाई जाती है, जिसे माइक्रोप्लास्टिक्स कहा जाता है। जब गरम पेय पदार्थ इन कप्स में डाले जाते हैं, तो ये माइक्रोप्लास्टिक्स धीरे-धीरे पेय में घुलने लगते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, एक पेपर कप में 20,000 से 25,000 माइक्रोप्लास्टिक के कण हो सकते हैं। ये कण आंखों से दिखाई नहीं देते और सीधे शरीर में पहुंच जाते हैं।
स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव
माइक्रोप्लास्टिक का शरीर पर कई गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।
कैंसर का खतरा: प्लास्टिक के कण शरीर में लंबे समय तक रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
हार्मोनल इंबैलेंस: यह कण आपके हार्मोनल सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे थायरॉइड जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
पाचन तंत्र पर असर: माइक्रोप्लास्टिक के कारण पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पेपर कप में चाय या कॉफी पीना स्लो पॉइजन पीने जैसा है। इन कप्स में गरम पेय पदार्थ डालने से प्लास्टिक कण निकलते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक हैं। नियमित रूप से इनका सेवन करने वाले लोगों को भविष्य में गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
क्या है विकल्प?
इस खतरे से बचने के लिए हमें कुछ सरल उपाय अपनाने चाहिए:
अपने खुद के कप का उपयोग करें: बाहर जाते समय अपने साथ स्टील या सिरेमिक का कप ले जाएं।
इको-फ्रेंडली विकल्प चुनें: बायोडिग्रेडेबल या प्लांट-बेस्ड कप्स का इस्तेमाल करें।
घर की चाय-कॉफी का आनंद लें: जहां तक संभव हो, घर पर ही चाय या कॉफी पीने की आदत डालें।
निष्कर्ष
पेपर कप्स में चाय-कॉफी पीने की आदत सुविधाजनक तो है, लेकिन स्वास्थ्य पर इसके खतरनाक प्रभावों को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। बेहतर विकल्प चुनकर न केवल हम अपनी सेहत की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान से बचा सकते हैं। अगली बार जब आप चाय या कॉफी लें, तो सोच-समझकर निर्णय लें।