Kidney Health News: क्रॉनिक किडनी डिज़ीज में पुरुषों को ज्यादा खतरा,दिल, ह्रदय से लेकर ब्रेन तक में तेजी से होती है गिरावट, जानें चौंकाने वाली वजहें

Kidney Health News: क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ को अक्सर सिर्फ गुर्दे की बीमारी समझा जाता है, लेकिन ताज़ा मेडिकल रिसर्च यह बताती है कि यह मर्ज़ पुरुषों के दिमाग और यादाश्त पर भी गहरा असर छोड़ सकता है।...

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क्रॉनिक किडनी डिज़ीज में पुरुषों को ज्यादा खतरा- फोटो : Hiresh Kumar

Kidney Health News: क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ को अक्सर सिर्फ गुर्दे की बीमारी समझा जाता है, लेकिन ताज़ा मेडिकल रिसर्च यह बताती है कि यह मर्ज़ पुरुषों के दिमाग और यादाश्त पर भी गहरा असर छोड़ सकता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ फिज़ियोलॉजी  हार्ट एंड सर्कुलेटरी फिज़ियोलॉजी में प्रकाशित नई स्टडी के मुताबिक,क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़  से दिमाग़ी क्षमता ख़ासकर कॉग्निटिव फ़ंक्शन सामान्य से कहीं तेज़ रफ़्तार से कम हो सकती है। मरीज़ों में तफ़क्कुर, फ़ैसला लेने की सलाहियत और याददाश्त पर इसका सीधा असर पड़ता है।

शोध की सबसे अहम बात यह है कि क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़  का दिमाग़ पर असर मर्दों और औरतों में एक जैसा नहीं होता। रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों में बौद्धिक क्षमता की गिरावट महिलाओं की तुलना में ज़्यादा पाई गई। साथ ही, मर्दों में कार्डिएक फ़ंक्शन यानी दिल की कार्यक्षमता में भी अधिक कमी देखी गई, जो इस बीमारी को और ख़तरनाक बना देती है। यह गिरावट “हार्ट ब्रेन एक्सिस” के डैमेज होने से जुड़ी मानी गई है यानी दिल और दिमाग़ को जोड़ने वाला जैविक रास्ता जब कमजोर होता है, तो दिमाग़ की न्यूरोलॉजिकल फ़ंक्शनिंग पर नकारात्मक असर शुरू हो जाता है।

IGIMS के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रोहित उपाध्याय ने बताया कि यह शोध इस बात की तस्दी करता है कि क्रॉनिक किडनी रोग से पीड़ित पुरुषों में मानसिक चुनौतियाँ अधिक गहरी और तेज क्यों होती हैं। यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. रोहित उपाध्याय के अनुसार, यह भी साफ़ होता है कि हार्मोनल और फ़िज़ियोलॉजिकल फर्क की वजह से किडनी हार्ट ब्रेन कनेक्शन पुरुषों और महिलाओं में अलग तरह से काम करता है। इसी वजह से दोनों में इसकी क्लीनिकल तस्वीर अलग दिखाई देती है।

डॉ. रोहित उपाध्याय का कहना है कि इन निष्कर्षों से भविष्य में ऐसे थेरैप्यूटिक इंटरवेंशन्स विकसित करने में मदद मिलेगी, जो इन जटिल जैविक संबंधों को मज़बूत करके मानसिक क्षमता की गिरावट को धीमा कर सकें। कुल मिलाकर, यह शोध बताता है कि क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ केवल जिस्मानी बीमारी नहीं, बल्कि मानसिक और जेहनी सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है और यह प्रभाव पुरुषों में अधिक तीव्र रूप में सामने आता है।