तंबाकू और शराब का सेवन अक्सर मुंह के कैंसर (ओरल कैंसर) के मुख्य कारणों के रूप में माना जाता रहा है, लेकिन हाल ही में हुई एक नई स्टडी ने इस धारणा को पूरी तरह से बदल दिया है। केरल के VPS Lakeshore Hospital द्वारा किए गए एक शोध में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि तंबाकू और शराब का सेवन न करने वाले लोग भी अब मुंह के कैंसर का शिकार हो रहे हैं।
रिसर्च से मिले चौंकाने वाले आंकड़े
यह रिसर्च VPS Lakeshore Hospital के प्रमुख और गर्दन विभाग द्वारा किया गया था। स्टडी के अनुसार, हाल के वर्षों में मुंह के कैंसर के मामलों में 57 प्रतिशत ऐसे लोग शामिल थे जिनका तंबाकू सेवन का कोई इतिहास नहीं था। और यह भी चौंकाने वाली बात है कि इनमें से अधिकांश लोग शराब का सेवन भी नहीं करते थे। इस खुलासे ने डॉक्टरों को हैरान कर दिया है क्योंकि अब तक माना जाता था कि तंबाकू और शराब ही मुख्य कारण हैं जिनसे मुंह का कैंसर होता है।
पुरुषों में अधिक खतरा
रिसर्च में यह भी पाया गया कि पुरुषों में मुंह के कैंसर का खतरा महिलाओं के मुकाबले अधिक था। स्टडी में 75.5 प्रतिशत पुरुष थे, जबकि 24.5 प्रतिशत महिलाएं इस कैंसर से प्रभावित पाई गईं। यह आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पुरुषों में इस बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है, चाहे वे तंबाकू या शराब का सेवन करते हों या न करें।
शरीर में कम संक्रमण का पैटर्न
डॉक्टरों द्वारा किए गए इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि 58.9 प्रतिशत रोगियों में कम संक्रमण था, जबकि 30 प्रतिशत मरीज गंभीर स्थिति में थे। शोधकर्ता अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आख़िरकार ऐसे कौन से कारण हैं जिनकी वजह से बिना तंबाकू और शराब के सेवन के बावजूद ओरल कैंसर हो सकता है। यह अध्ययन और शोध अब भी जारी है ताकि इस रहस्य को हल किया जा सके और रोगियों को और बेहतर उपचार दिया जा सके।
फिर भी ध्यान रखें, जागरूकता है जरूरी
यह शोध इस बात को साबित करता है कि मुंह का कैंसर अब केवल तंबाकू और शराब सेवन तक सीमित नहीं रह गया है। ऐसे में लोगों को जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि वे किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचें और समय रहते अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं। डॉक्टरों के मुताबिक, यह जरूरी है कि अब हमें ओरल कैंसर के अन्य कारणों पर भी ध्यान देना होगा ताकि इसका सही इलाज किया जा सके।
इसलिए, स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ तंबाकू और शराब से बचना ही काफी नहीं है, बल्कि हमें अपने खानपान, जीवनशैली और शरीर के अन्य संकेतों पर भी ध्यान देना चाहिए।