Heart Shape Origin: जानते हैं कहां से आया दिल का शेप?

क्या आपने कभी सोचा है कि हम प्यार जताने के लिए दिल के आकार का इमोजी क्यों इस्तेमाल करते हैं, जबकि असली दिल का आकार बिलकुल अलग होता है? आइए जानते हैं कि यह दिल का शेप कहाँ से आया और क्यों ये असली दिल से नहीं मिलता।

दिल

आपने अक्सर देखा होगा कि हम प्यार और इमोशंस को व्यक्त करने के लिए जिस हार्ट शेप का इस्तेमाल करते हैं, वो असली दिल से बिल्कुल अलग क्यों होता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स जैसे व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, और फेसबुक पर इस दिल के आकार का इस्तेमाल रोज़ाना किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर यह दिल का आकार किससे प्रेरित है और इसका इतिहास क्या है?



असल दिल और हार्ट शेप का अंतर

असल दिल आकार में एक मांसल पंप जैसा होता है, जो शरीर के बाकी हिस्सों में खून पहुंचाता है। यह शरीर के मध्य में बाईं ओर स्थित होता है और करीब 13 सेंटीमीटर लंबा और 9 सेंटीमीटर चौड़ा होता है। इसके चार चैम्बर होते हैं, जो खून को शरीर के विभिन्न हिस्सों में पंप करते हैं। हालांकि, इस आकार से प्यार और भावनाओं के प्रतीक के रूप में हम जो दिल का आकार इस्तेमाल करते हैं, वह बिल्कुल अलग है।



हार्ट शेप का इतिहास: सिल्फियम पौधा

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हम जो दिल का आकार प्यार दिखाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, वह एक पौधे के बीज से लिया गया है। यह पौधा 'सिल्फियम' नामक था, जो प्राचीन यूनान में पाया जाता था। सिल्फियम का बीज आकार में बिलकुल उस दिल के आकार जैसा था, जिसे आज हम प्यार के प्रतीक के रूप में जानते हैं।

सिल्फियम के बीज का उपयोग प्राचीन काल में गर्भनिरोधक के रूप में किया जाता था, और प्रसिद्ध इतिहासकार हेरोडोटस ने अपनी पुस्तक 'हिस्टोरिया' में इस पौधे और इसके बीज के उपयोग का उल्लेख किया है। जैसे-जैसे समय बीतता गया, सिल्फियम के बीज के आकार को प्यार का प्रतीक मान लिया गया और लोगों ने इसे कला और वस्त्रों पर उकेरना शुरू कर दिया। यही वजह है कि आज हम इसे दिल के आकार के रूप में पहचानते हैं।



प्राचीन मान्यताएँ और बदलाव

प्राचीन काल में, शादी से पहले शारीरिक संबंधों को आम माना जाता था। ऐसी मान्यता थी कि इन संबंधों से अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए कुछ खास पौधों के बीजों का इस्तेमाल किया जाता था। सिल्फियम उनमें से एक था। धीरे-धीरे, इस पौधे के बीजों को प्रेम और संतानोत्पत्ति से जोड़ा गया और यह दिल के प्रतीक के रूप में विकसित हुआ।

इस बदलाव के साथ, लोग इसे प्यार, रिश्ते और भावना का प्रतीक मानने लगे। इस आकार ने समय के साथ ही एक सार्वभौमिक प्रतीक का रूप ले लिया, जिसे हम आजकल अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स, चैट्स, और संदेशों में दिल का इमोजी या आकार दिखाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।



निष्कर्ष

आज, जब हम प्यार व्यक्त करने के लिए दिल का इमोजी या आकार इस्तेमाल करते हैं, तो यह सिर्फ एक सुंदर इमेज नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक दिलचस्प इतिहास और संस्कृति छिपी हुई है। यह हमसे जुड़ी एक प्राचीन मान्यता और प्राकृतिक प्रक्रिया का प्रतीक है, जिसे सिल्फियम के बीजों से प्रेरित होकर दुनिया भर में प्यार के प्रतीक के रूप में अपनाया गया।


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