आपकी भी बालकनी में बैठते हैं कबूतर, तो हो जाएं सावधान..! कहीं बन ना जाएं लंग डिजीज की वजह

कबूतर सिर्फ अपनी शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनकी बीट और पंख से फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं? जानिए कबूतरों से बचने के उपाय और इनसे होने वाली बीमारियों से बचाव।

कबूतर

कबूतर एक आम पक्षी हैं जो अक्सर शहरी इलाकों की बालकनी और छतों में देखे जाते हैं। हालांकि, ये शांत और मासूम दिखने वाले पक्षी आपकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं, खासकर जब बात फेफड़ों की बीमारियों की हो। कबूतरों के मल (Pigeon Droppings) और पंखों में मौजूद बैक्टीरिया और फंगस से जुड़ी बीमारियाँ तेजी से फैल सकती हैं। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि कबूतर किस तरह से लंग डिजीज का कारण बन सकते हैं और इनसे बचने के उपाय क्या हैं।






कबूतरों से होने वाली फेफड़ों की बीमारियां

कबूतरों के मल, पंख और लार में कुछ खतरनाक बैक्टीरिया और फंगस पाए जाते हैं जो इंसान के शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं।

1. हिस्टोप्लाज्मोसिस (Histoplasmosis)
यह बीमारी हिस्टोप्लाज्मा कैप्सुलाट नामक फंगस के कारण होती है, जो कबूतरों के मल में पाया जाता है। जब कबूतरों का मल सूखता है और हवा में फैलता है, तो इस फंगस के कण सांस के रास्ते फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, और सीने में दर्द शामिल हो सकते हैं। गंभीर मामलों में यह बीमारी जानलेवा हो सकती है।

2. क्रिप्टोकोक्कोसिस (Cryptococcosis)
यह बीमारी क्रिप्टोकोकस नियोफॉर्मन्स फंगस के कारण होती है, जो कबूतरों के मल में पाया जाता है। यह फंगस भी हवा में फैलता है और सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इसके प्रभाव से फेफड़ों के साथ-साथ दिमाग और नर्वस सिस्टम भी प्रभावित हो सकते हैं।

3. साइकोसिस (Psittacosis)
यह बीमारी क्लैमाइडिया साइटैसी बैक्टीरिया के कारण होती है, जो कबूतरों के मल और पंखों में पाया जाता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, सूखी खांसी और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। यह फेफड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।






कबूतरों से बचाव के उपाय

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इन बीमारियों से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं:

1. कबूतरों के संपर्क से बचें
कबूतरों के मल और पंखों के संपर्क में आने से बचें। यदि आपके घर या आसपास कबूतरों का झुंड रहता है, तो उन्हें अपनी बालकनी से दूर रखने के उपाय करें।

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2. सफाई का ध्यान रखें
कबूतरों के मल और पंखों की सफाई करते समय मास्क और दस्ताने पहनें। सफाई के दौरान मल को पहले गीला करें ताकि धूल उड़े और फिर उसे साफ करें।

3. वेंटिलेशन का ध्यान रखें
अगर आपके घर या ऑफिस में कबूतरों का झुंड रहता है, तो सही वेंटिलेशन की व्यवस्था करें। इससे हानिकारक कणों की मात्रा कम हो सकती है और हवा में ताजगी बनी रहेगी।

4. स्वच्छता बनाए रखें
कबूतरों के मल और पंखों से प्रभावित क्षेत्रों को नियमित रूप से साफ करें। इससे बीमारियों के फैलने का खतरा कम होगा और आपका घर स्वच्छ रहेगा।






निष्कर्ष

कबूतरों से होने वाली लंग डिजीज से बचाव के लिए उनकी बीट और पंखों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। इसके अलावा, साफ-सफाई और वेंटिलेशन पर ध्यान देना भी जरूरी है। इन उपायों को अपनाकर आप अपने घर और सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।

(इस लेख में उल्लिखित जानकारी केवल सामान्य जानकारी के रूप में है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य संबंधित समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।)

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