Bihar Politics: महागठबंधन की बैठक में नहीं पहुंचे मुकेश सहनी, तेजस्वी को चुनाव से पहले लगा बड़ा झटका, खेला होगा...
Bihar Politics: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन की अहम बैठक चल रही है। बैठक से बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी अनुसार महागठबंधन की बैठक में वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी नहीं पहुंचे हैं।

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो गई है। बुधवार दोपहर 1:00 बजे से राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास पर INDIA गठबंधन की अहम बैठक शुरु हो गई है। इस बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, वामदल और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के शीर्ष नेता शामिल होने वाले थे। बैठक में सभी दल के नेता तो पहुंचे लेकिन विकासशील इंसान पार्टी के बड़े नेता नहीं पहुंचे।
महागठबंधन की बैठक में नहीं पहुंचे सहनी
दरअसल, बिहार चुनाव से पहले मुकेश सहनी ने तेजस्वी को बड़ा झटका दे दिया है। मुकेश सहनी महागठबंधन की बैठक में नहीं पहुंचे हैं जिससे अब कई राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं। जानकारी अनुसार तेजस्वी के आवास पर अहम बैठक चल रही है। बैठक में सभी दल के नेता शामिल हुए हैं लेकिन मुकेश सहनी बैठक से नदारद हैं। सूत्रों की मानें तो आज की बैठक का मुख्य एजेंडा सीट शेयरिंग पर सहमति बनाना है, ताकि साझा रणनीति के तहत सत्ताधारी गठबंधन को चुनौती दी जा सके। वहीं इस अहम बैठक में सहनी का ना होना कई सवालों को खड़ा कर रहा है।
60 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान
बता दें कि, बीते दिन वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने ट्विट कर बड़ा ऐलान किया था। मुकेश सहनी ने ट्विट कर लिखा कि, "विकासशील इंसान पार्टी, 2025 में 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, शेष सभी सीटों पर हमारे सहयोगी दलों के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।" इस ट्विट से सियासी उबाल आ गया। इस ट्विट के बाद से ही माना जा रहा था कि महागठबंधन और वीआईपी में सब ठीक नहीं है। वहीं अब आज के बैठक में सहनी का ना पहुंचना भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
बीजेपी से मिला ऑफर
दूसरी ओर, हम सेक्युलर पार्टी के अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन ने बड़ा बयान दे दिया। संतोष सुमन ने सहनी को एनडीए में शामिल होने का न्यौता दे दिया साथ ही ये भी कहा कि सहनी के समाज का विकास एनडीए ही कर सकता है। अपने बयान में संतोष सुमन ने कहा कि, 'मुकेश सहनी अब उस दल और गठबंधन से ऊब चुके हैं, जहां उन्हें अपेक्षित सम्मान और अवसर नहीं मिल रहा है। ऐसे में अगर वे NDA में आना चाहें तो उनका खुले दिल से स्वागत होना चाहिए।' सुमन ने यह भी जोड़ा कि निषाद समुदाय, जो कि मुकेश सहनी का सामाजिक आधार है, अब तेजी से NDA की विकासोन्मुखी विचारधारा से जुड़ रहा है, इसलिए सहनी को भी उसी राह पर आगे बढ़ना चाहिए।