LATEST NEWS

कब्ज दूर करने के लिए असरदार त्रिफला चूर्ण, लेकिन जानें इसके 5 नुकसान

कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत पाने के लिए लोग त्रिफला चूर्ण का सेवन करते हैं। यह आयुर्वेदिक चूर्ण पाचन में सुधार लाने में मदद करता है, लेकिन कुछ लोगों को इसके सेवन से नुकसान भी हो सकते हैं। जानिए त्रिफला चूर्ण के सेवन के 5 नुकसान।

कब्ज

कब्ज, गैस, और एसिडिटी जैसी समस्याओं का समाधान त्रिफला चूर्ण के रूप में आसानी से पाया जा सकता है। आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर यह चूर्ण आंवला, हरड़ और बहेड़ा के मिश्रण से तैयार किया जाता है और इसे पाचन तंत्र को सुधारने, आंतों को साफ करने और मल त्याग को नियमित करने के लिए उपयोगी माना जाता है। हालांकि, इसके फायदे के साथ कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जो हर किसी को अनुभव हो सकते हैं। आइए जानते हैं त्रिफला चूर्ण के सेवन से होने वाले 5 संभावित नुकसान।


1. पेट में जलन

त्रिफला चूर्ण का एक प्रमुख गुण इसका रेचक प्रभाव है, जो कब्ज से राहत दिलाता है। हालांकि, कुछ लोगों में इसका सेवन पेट में जलन पैदा कर सकता है। यह समस्या विशेष रूप से उन लोगों को होती है जिनका पाचन तंत्र संवेदनशील होता है। पेट में जलन के साथ दर्द, ऐंठन, सूजन और दस्त भी हो सकते हैं।


2. दस्त की समस्या

यदि त्रिफला चूर्ण का अत्यधिक सेवन किया जाए तो यह आंतों को उत्तेजित करता है, जिससे अधिक मल त्याग की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे दस्त की समस्या हो सकती है, जो शरीर में पानी की कमी और इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस का कारण बन सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए इसे सही मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।


3. एलर्जी की समस्या

कुछ लोगों को त्रिफला चूर्ण से एलर्जी हो सकती है। इसके सेवन से त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, सूजन और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। यदि ऐसा कुछ महसूस हो तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें।


4. दवाओं के साथ रिएक्शन

त्रिफला चूर्ण कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है, विशेष रूप से उन दवाओं के साथ जो खून को पतला करने या डायबिटीज के इलाज के लिए ली जाती हैं। इस स्थिति में त्रिफला का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।


5. गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग में परहेज

गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन उचित नहीं होता। इसमें ऐसे तत्व हो सकते हैं जो गर्भस्थ शिशु या स्तन के दूध में प्रवेश कर सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण हो सकते हैं।


निष्कर्ष:

त्रिफला चूर्ण पाचन तंत्र को सुधारने और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार हो सकता है, लेकिन इसके सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसे डाइट में शामिल करने से पहले इन नुकसानों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। यदि आप किसी भी दवा का सेवन कर रहे हैं या गर्भवती हैं, तो त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।


Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी होने पर कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

Editor's Picks