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क्या है स्पासमोडिक डिस्फोनिया? जान लीजिए इस बीमारी के लक्षण और प्रकार..

स्पासमोडिक डिस्फोनिया एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्पीच डिसऑर्डर है, जिसमें वोकल कार्ड्स की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं। इससे आवाज भारी, फटी हुई या कमजोर हो जाती है। जानें इसके बारे में।

स्पासमोडिक डिस्फोनिया

स्पासमोडिक डिस्फोनिया एक दुर्लभ और जटिल न्यूरोलॉजिकल स्पीच डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति की आवाज में असामान्य बदलाव आते हैं। यह बीमारी तब होती है जब वोकल कार्ड्स की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं, जिससे व्यक्ति की आवाज भारी, फटी हुई या कमजोर महसूस होती है। इस डिसऑर्डर के कारण व्यक्ति की आवाज में ब्रेक या पूरी तरह से गायब होने की स्थिति भी बन सकती है। हाल ही में यूएस के हेल्थ सेकेट्री एलेक्स अजार भी इस बीमारी के शिकार रहे हैं, जिन्होंने इसका सामना करने के लिए विभिन्न उपचार विधियों का पालन किया।


स्पासमोडिक डिस्फोनिया के प्रकार:

स्पासमोडिक डिस्फोनिया के विभिन्न प्रकार होते हैं:

एडक्टर स्पासमोडिक डिस्फोनिया:

यह सबसे आम प्रकार है, जिसमें व्यक्ति की आवाज बहुत ज्यादा स्ट्रेन हो जाती है और यह फटी हुई लगने लगती है। ऐसा महसूस होता है जैसे गला बैठ गया हो।


अबडक्टर स्पासमोडिक डिस्फोनिया:

इसमें व्यक्ति की आवाज ब्रीदी हो जाती है और कई बार पूरी तरह से चली भी जाती है। यह स्थिति कम सामान्य होती है, लेकिन उतनी ही मुश्किल होती है।


मिक्स्ड स्पासमोडिक डिस्फोनिया:

यह प्रकार बहुत दुर्लभ होता है और इसमें दोनों प्रकार की समस्याएं देखी जाती हैं—आवाज का भारी होना और गायब होना।


स्पासमोडिक डिस्फोनिया के लक्षण:

स्पासमोडिक डिस्फोनिया के लक्षण मुख्य रूप से आवाज में बदलाव के रूप में दिखाई देते हैं। व्यक्ति की आवाज अचानक से भारी, रफ और फटी हुई हो सकती है। कई बार यह इतनी ब्रीदी हो सकती है कि सामने वाला व्यक्ति ठीक से सुन नहीं पाता। यह बीमारी वक्त के साथ बढ़ सकती है और कभी-कभी व्यक्ति की आवाज पूरी तरह से गायब हो जाती है। इसके अलावा, बोलते वक्त व्यक्ति को एंजाइटी और असहजता का अनुभव भी हो सकता है।


स्पासमोडिक डिस्फोनिया के कारण:

स्पासमोडिक डिस्फोनिया एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जो मस्तिष्क के बैसल गांगलिया नामक हिस्से से संबंधित होती है। यह वह हिस्सा है जो शरीर की मूवमेंट्स को नियंत्रित करता है। जब यह क्षेत्र प्रभावित होता है, तो वोकल कार्ड्स की मांसपेशियों में अनियंत्रित संकुचन होता है, जिससे आवाज में बदलाव आता है।


इलाज के उपाय:

स्पासमोडिक डिस्फोनिया का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके इलाज के कुछ सामान्य उपाय हैं:


बोटोक्स इंजेक्शन:

यह इंजेक्शन वोकल कार्ड्स की मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करता है और आवाज में सुधार लाता है।


वॉयस थेरेपी:

यह उपचार व्यक्ति की आवाज को सुधारने और उसे ठीक से बोलने की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।


SLAD-R सर्जरी:

यह एक विशेष सर्जिकल प्रक्रिया है, जो वोकल कार्ड्स के पास स्थित मांसपेशियों को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त, व्यक्ति को अपनी आवाज को बेहतर बनाने के लिए कुछ आवाज तकनीकों का अभ्यास भी करना चाहिए, जैसे धीमे बोलना और बोलते समय गहरी सांस लेना।


निष्कर्ष:

स्पासमोडिक डिस्फोनिया एक दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण बीमारी है, लेकिन इसके लक्षणों का नियंत्रण संभव है। यदि आपको आवाज में अचानक बदलाव महसूस हो, तो समय रहते डॉक्टर से परामर्श करें। सही इलाज से आप अपनी आवाज को फिर से सामान्य बना सकते हैं और अपनी बोलने की क्षमता को बेहतर बना सकते हैं।

Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी चिकित्सा से संबंधित जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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