21 सितंबर यानी की आज शनिवार है। ऐसे में आज आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। अभी पितृ पक्ष चल रहा है, और इस पक्ष में चतुर्थी और शनिवार का योग पूजा-पाठ के नजरिए से बहुत खास है।
पितृ पक्ष में किए गए श्राद्ध-तर्पण से घर-परिवार के पितर देवता तृप्त होते हैं। परिवार के लोगों को आशीर्वाद देते हैं। पितरों के आशीर्वाद से घर में सुख-शांति और सफलता बनी रहती है। पितृ पक्ष की चतुर्थी पर भगवान गणेश के लिए व्रत-उपवास करना चाहिए। इस बार चतुर्थी शनिवार को है तो 9 ग्रहों में से एक न्यायाधीश शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं। काले तिल और तेल का दान करें।
बता दें कि पितृपक्ष में श्राद्ध, दान और तर्पन करना चाहिए। आज के लिए काले तिल, चप्पल, अनाज, धन, नमक, कपड़े, पलंग दान करना चाहिए। इतना ही नहीं पितृपक्ष के समय भूखे लोगों को भोजन कराना चाहिए। गायों को हरी खास खिलानी चाहिए। कौआ के लिए घर के छत पर दाना रखना चाहिए। चीटियों को आटा खिलाना चाहिए। ये सब करने से पृत आपके खुश होते हैं।
ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत ही ज्यादा शुभ रहता है। शनिवार के दिन घर पर ही तुलसी या पीपल के पेड़ के नीचे तर्पण करना भी लाभकारी होता है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपनी संतानों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है।