Moped Celebration Viral Video: मध्य प्रदेश के भोपाल के शिवपुरी में एक चाय बेचने वाले व्यक्ति का मोपेड खरीदने का अनोखा जश्न सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस व्यक्ति ने 20,000 रुपये की डाउन पेमेंट पर नई मोपेड खरीदी, लेकिन इस खुशी को मनाने के लिए उसने 60,000 रुपये का खर्च कर डाला। ये जश्न तब और खास बन गया जब उसने डीजे और ढोल-नगाड़ों के साथ अपनी नई मोपेड का स्वागत किया।
डीजे बजाने पर पुलिस की कार्रवाई
इस पूरे वाकये ने तब और तूल पकड़ा जब पुलिस ने बिना अनुमति के डीजे बजाने को लेकर कार्रवाई की। पुलिस ने चायवाले की नई मोपेड को जब्त कर लिया, जिससे यह मामला और ज्यादा चर्चा में आ गया। वायरल हो रहे वीडियो में, यह देखा जा सकता है कि मोपेड को रस्सियों से बांधकर हवा में उठाया गया और आसपास खड़े लोग इस नजारे का लुत्फ उठा रहे थे। X (ट्विटर) पर इस घटना की जानकारी साझा करते हुए @Anurag_Dwary ने लिखा, "शिवपुरी में भाई साहब 20,000 के डाउन पेमेंट पर मोपेड लाए और 60,000 का जश्न किया। बिना अनुमति के डीजे बजाने पर पुलिस ने गाड़ी जब्त कर ली।
90 हजार की मोपेड खरीदी,घर तक ले जाने पर खर्च किये 60 हजार!
— दीपक जैन (@prabalvani) October 14, 2024
म. प्र.के शिवपुरी शहर मे चाय बेचने वाले मुरारीलाल ने,मोपेड खरीदने के बाद दोपहिया वाहन को घर ले जाने के लिए डीजे बैंड,घोड़ा बग्गी के साथ जुलुस निकाला!
जुलुस के आगे चल रही क्रेन पर मोपेड बँधी थी,मुरारीलाल बग्गी पर सवार था pic.twitter.com/smNwoKrPBa
सोशल मीडिया पर रिएक्शन
इस घटना पर सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोगों ने इस जश्न पर सवाल उठाया, तो कुछ ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई। एक यूजर ने लिखा, "गाड़ी जब्त करने का क्या मतलब है? डीजे की सजा दें, गाड़ी जब्त करना सही नहीं है।" वहीं, एक अन्य यूजर ने मजाक में कहा, "इन भाई साहब को 'अजब है एमपी, गजब है एमपी' अभियान का ब्रांड एंबेसडर बना देना चाहिए।" कुछ लोगों ने इस घटना को खुशी के अतिरेक के रूप में देखा और कहा, "शौक बड़ी चीज़ है।" जबकि कुछ ने इसे स्थानीय संस्कृति और उत्सवों का हिस्सा बताया।
घटना का परिणाम
यह मामला इसलिए खास बन गया क्योंकि यह दिखाता है कि कैसे छोटी-छोटी खुशियों को लोग बड़े उत्सव के रूप में मनाते हैं। हालांकि, बिना अनुमति के डीजे बजाने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और मोपेड को जब्त कर लिया। इस घटना ने यह भी सवाल उठाए कि क्या पुलिस की कार्रवाई सख्त थी या क्या इसे थोड़ी नरमी से निपटाया जा सकता था।