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Bihar News: MP lads में भारी भ्रष्टाचार...शिकायत के बाद भी कार्यपालक अभियंता ने नहीं की जांच, विवश होकर आवेदक ने 'आत्मदाह' का किया ऐलान

मोतिहारी में सांसद फंड में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद भी स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल- एक के कार्यपालक अभियंता ने नहीं की जांच. विवश होकर आवेदक ने आत्मदाह का ऐलान किया है.

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सांसद फंड में करप्शन की सांकेतिक तस्वीर - फोटो : GOOGLE

Bihar News:  सांसद-विधायक फंड में भारी गड़बड़ी की शिकायत मिलती है. भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद भी जांच नहीं होती, या जांच का दिखावा कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है. मोतिहारी में भी सांसद फंड में भारी भ्रष्टाचार की शिकायत है. इसके बाद जांच को लेकर संबंधित कार्यपालक अभियंता से शिकायत दर्ज की. लेकिन जिम्मेदारी अधिकारी और इंजीनियर जांच के नाम पर कन्नी कटा रहे. आखिर जांच करेंगे भी कैसे, उन्हीं की देखरेख में योजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ है. जांच नहीं कराने पर एक आरटीआई कार्यकर्ता ने आत्मदाह करने का ऐलान किया है. इस संबंध में उसने पत्र लिखा है.

 कार्य प्रमंडल- एक (मोतिहारी) के कार्यपालक अभियंता को लिखी चिट्ठी

 स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल- एक (मोतिहारी) के कार्यपालक अभियंता को लिखे पत्र में आवेदक मनीष चौधरी ने आरोप लगाया है कि मोतिहारी में एमपी लैड से कराए गए अनियमिततापूर्ण कार्यों की जांच में आपके लापरवाही बरती जा रही है. इससे आहत होकर वह अगले महीने आत्मदाह करेंगे. मनीष कुमार चौधरी नाम के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने  योजना एवं विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता को भेजे पत्र में कहा है कि निविदा आमंत्रण सूचना संख्या 19/2023-24 के द्वारा कई जनप्रतिनिधियों की निधि के कार्यों का निविदा निकाली गई थी. जिसमें एक राज्यसभा सांसद के निधि के कार्य जो निविदा आमंत्रण संख्या 19/ 2023-24 के क्रम संख्या 15 से 30 तक है, का कार्य मानक के अनुरूप नहीं कराया गया है. इसके अतिरिक्त निविदा आमंत्रण संख्या 19/ 2023-24 के सभी कार्य की स्थिति यह है कि 6 महीने के अंदर ही उसकी दयनीय हालत हो गई है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि मानक के अनुरूप कार्य नहीं कराया गया है. कार्य में अनियमित की सूचना पूर्व में भी आपको दी गई थी, इसके बाद भी राशि का भुगतान कर दिया गया.जिससे आपकी मिलीभगत प्रतीत हो रही है.

निविदा के क्रम संख्या 17, 18, 20, 27, 30 की सड़क में भारी घपला 

कार्यपालक अभियंता को दिए आवेदन में आवेदक ने आरोप लगाया है कि उन सड़कों की मोटाई सिर्फ किनारे में मानक के अनुरूप रखा गया है, जबकि सड़क के बीच में मोटाई मानक के अनुरूप नहीं है. सड़क में जो सामग्री लगाई गई है वह भी मानक के अनुरूप नहीं है. राज्यसभा सांसद निधि से कराए गए सड़क निर्माण में किसी भी सड़क की मोटाई मानक के अनुरूप नहीं है. जिस कारण रोड बनने के कुछ ही दिनों के बाद सड़क फटने लगा है. क्रम संख्या 17, 18, 20, 27, 30 की सड़क को देखकर पता लगाया जा सकता है. सड़क की गिट्टी उखड़ने लगी है. इसे देखकर गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है. ऐसे में उन सभी सड़कों के बीच में गड्ढा खोदकर सड़क की मोटाई जांच मेरी उपस्थिति में कराई जाए, अगर गुणवत्ता के अनुसार रहा तो खोदे गए सड़क को बनाने में जो खर्च होगा उस राशि को वह स्वयं वहन करेंगे .

1 से 10 नवंबर के बीच उठाउंगा यह कदम 

आवेदक ने यह भी कहा है कि आपको बार-बार इस संबंध में जानकारी दी गई, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं करना या दर्शाता है की आपको कोई मतलब नहीं है. सरकार की राशि के दुरुपयोग से आप कोई मतलब नहीं है. सभी निर्माण कार्य की जांच कर दोषी ठेकेदार और अभियंता पर कार्रवाई और पैसे की वसूली नहीं की गई तो 1 नवंबर 2024 से 10 नवंबर 2024 के बीच कोई एक तारीख निर्धारित कर मैं आत्मदाह करूंगा. इसके लिए आप कार्यपालक अभियंता जिम्मेदार होंगे. इस संबंध में कार्यपालक अभियंता कार्य प्रमंडल- एक (मोतिहारी) से संपर्क नहीं हो सका. लिहाजा उनका पक्ष नहीं लिया जा सका. 

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