NEW DELHI - कभी भारत की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी रही जेट एयरवेज के फिर से शुरू होने की संभावना खत्म हो गई है। आज सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज की संपत्तियों को बेचकर उनसे मिला पैसा कर्जदारों को लौटाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के साथ अब जेट एयरवेज का अस्तित्व समाप्त हो गया है।
बता दें कि आर्थिक संकट से जूझ रही एयरलाइन जेट एयरवेज को पहले ही बंद कर दिया गया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने देश की सर्वोच्च अदालत ने इसे लेकर नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के फैसले को खारिज कर दिया। जालान कालरॉक ने 150 करोड़ रुपये की जो बैंक गारंटी की थी, उसे भी जब्त कर लिया गया है।
आज NCLAT के मार्च में दिए इस आदेश को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती पर सुनवाई के बाद CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट में सुनवाई बीते 16 अक्टूबर को पूरी हो गई थी। लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
इससे पहले एनसीएलएटी ने जेट एयरवेज का मालिकाना हक मंजूर हो चुके रिजॉल्यूशन प्लान के तहत जालान-कालरॉक कंसोर्टियम (JKC) को देने का फैसला सुनाया था। मार्च 2024 में NCLAT ने अपने आदेश में नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के स्वामित्व को समाधान योजना के तहत पूर्ण भुगतान के बिना जालान-कलरॉक कंसोर्टियम (JKC) को ट्रांसफर करने की अनुमति दी थी। 90 दिनों में एयरलाइन को ये ट्रांसफर करना था। जिसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
क्या होता लिक्वेडेशन
लिक्विडेशन का मतलब है- किसी कंपनी की परिसंपत्तियों को जब्त करके उनसे मिलने वाली रकम का इस्तेमाल उसके कर्ज और देनदारियों को चुकाने में करना।