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महंगाई पर पैनी नजर: RBI ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताई वजह...

आरबीआई फिलहाल ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा। गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसके लिए महंगाई और वैश्विक तनाव का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि महंगाई के बीच हम जोखिम नहीं लेंगे

महंगाई पर पैनी नजर: RBI ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताई वजह...

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ कर दिया है कि फिलहाल केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा। उन्होंने तर्क दिया कि मौजूदा स्थिति में महंगाई ऊंचे स्तर पर है और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव भी लगातार बना हुआ है, ऐसे में ब्याज दरों में कमी का निर्णय जोखिम भरा हो सकता है। शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा महंगाई दर अभी भी ऊंचे स्तर पर है और इसके आगामी महीनों में भी नरम होने से पहले ऊंचा रहने की संभावना है। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती करना न केवल असमय होगा बल्कि इससे आर्थिक असंतुलन का भी खतरा हो सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य के किसी भी मौद्रिक नीतिगत कदम की घोषणा देश की आर्थिक स्थिति और महंगाई के आंकड़ों पर आधारित होगी।


रेपो रेट 6.5% पर बरकरार, अगला ऐलान 6 दिसंबर को

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पिछले महीने अक्टूबर में रेपो रेट को 6.5% पर कायम रखा था और मौद्रिक नीति के रुख को ‘तटस्थ’ कर दिया था। अगली मौद्रिक नीति का ऐलान 6 दिसंबर 2024 को होने वाला है, लेकिन आरबीआई गवर्नर के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल ब्याज दरों में कोई छूट मिलने की संभावना कम है।


आरबीआई की ‘पुलिस’ भूमिका पर भी बोले दास

शक्तिकांत दास ने आरबीआई की भूमिका पर भी जोर देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक किसी पुलिसकर्मी की तरह नहीं, बल्कि वित्तीय बाजार पर कड़ी नजर रखने वाले निगरानीकर्ता के रूप में काम करता है। यह बयान उन्होंने एनबीएफसी कंपनियों पर आरबीआई की हालिया कार्रवाई के संदर्भ में दिया, जहां सचिन बंसल की नवी फिनसर्व समेत चार कंपनियों को कर्ज वितरण पर रोक लगाई गई है।


महंगाई कम होने की उम्मीद, भारत की वृद्धि की कहानी जारी

गवर्नर दास ने भारत के आर्थिक परिदृश्य को सकारात्मक बताते हुए कहा कि देश की वृद्धि गाथा जारी है और महंगाई भी अब काफी हद तक लक्ष्य सीमा के भीतर आ चुकी है। हालांकि, आरबीआई ने महंगाई और वृद्धि के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए सावधानी बरतने की बात भी कही है। आने वाले महीनों में महंगाई दर के गिरने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ सकती है। इससे स्पष्ट होता है कि आरबीआई किसी भी मौद्रिक निर्णय को लेने में सतर्कता बरतेगा, और देश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही कोई कदम उठाएगा

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