Police News : जाना था जापान पहुंच गए चीन ... समझ गए ना ! यूं तो यह एक फ़िल्मी गाना है लेकिन ऐसे चक्कर में पुलिस भी फंस गई. नतीजा हुआ कि पुलिसवाले लोगों की नजर में अपराधी बन गए और उन्हें बंधक बना लिया गया है. पूरी रात पुलिस परेशान रही और जब खुलासा हुआ तो हर कोई हैरान हो गया.
जाना था जापान पहुंच गए चीन ... वाली स्थिति पुलिसवालों के साथ हुई भी इसलिए क्योंकि उन्होंने छापामारी करने के लिए रास्ते तलाशने में जिस तकनीक का उपयोग किया था वह गूगल मैप था. लेकिन गूगल मैप ही पुलिसवालों के लिए जी का जंजाल बन गया. उन्हें एक ऐसी जगह पर गूगल मैप ने ले जाकर छोड़ा जहाँ से बुरी तरह से फंस गए.
गूगल मैप कैसे पुलिस को इस कदर भारी पड़ गया कि उन्हें रात भर बंधक रहना पड़ा यह मामला असम का है. असम के जोरहाट जिले की पुलिस एक आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी. असम पुलिस की 16-सदस्यीय एक टीम छापेमारी के दौरान गूगल मैप्स के जरिये अनजाने में नगालैंड के मोकोकचुंग जिले में पहुंच गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों को अपराधी समझकर उनपर हमला कर दिया और उन्हें रात भर बंधक बनाकर रखा.
घटना 7 जनवरी की रात को उस समय हुई जब जोरहाट जिला पुलिस की एक टीम एक आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी. पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह चाय के बागान वाला इलाका था, जिसे गूगल मैप पर असम में दिखाया गया था. हालांकि, यह वास्तव में नगालैंड के अंदर था. जीपीएस पर भ्रम और भ्रामक मार्गदर्शन के कारण अपराधी की तलाश में टीम नगालैंड की सीमा में चली गई. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने असम पुलिस की टीम के कर्मियों को अत्याधुनिक हथियार लेकर आया बदमाश समझा और उन्हें हिरासत में ले लिया.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस टीम के 16 कर्मियों में से केवल तीन वर्दी में थे और बाकी सभी सादे कपड़ों में थे. इससे स्थानीय लोगों में भी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. उन्होंने टीम पर हमला भी किया और हमारा एक कर्मी घायल हो गया. नगालैंड में प्रतिकूल स्थिति की सूचना मिलने पर जोरहाट पुलिस ने तुरंत मोकोकचुंग के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया, जिन्होंने असम पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए एक टीम मौके पर भेजी.
स्थानीय लोगों को तब एहसास हुआ कि यह असम से आई असली पुलिस टीम थी और उन्होंने घायल व्यक्ति सहित पांच सदस्यों को छोड़ दिया. हालांकि, उन्होंने शेष 11 लोगों को रात भर बंधक बनाए रखा. सुबह उन्हें रिहा कर दिया गया और बाद में वे जोरहाट पहुंच गए.