Bengaluru Viral video: किसी भी इंसान के फेस्टिवल का माहौल एक ऐसा पल होता है, जब वो अपने परिजनों-दोस्तों के साथ खुशी के टाइम स्पेंड करता है। उस दौरान वो इंसान सिर्फ अपनी निजी पल को जीने की कोशिश करता है, क्योंकि आज कल के दौड़-भाग वाली जिंदगी में लोगों को बेहद कम ही काम से फुर्सत मिलता है, जिसका इस्तेमाल वो अपनों के लिए कर सके। अगर हम किसी खास पर्व जैसे दुर्गा पूजा की बात करें तो हिंदू धर्म ये काफी बड़ी पर्व है, जब लोग खुल कर छुट्टियों के समय को बिताते हैं। हालांकि, इस बीच एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखकर पता चल रहा है कि आजकल इंसान काम के बंधन में इतना बंध चुका है कि उसे कही भी वर्क करना पड़ सकता है।
एक वीडियो, जो बेंगलुरु के एक दुर्गा पूजा पंडाल का बताया जा रहा है। उसमें एक शख्स क्लाइंट मीटिंग में बिजी दिख रहा है। वो पूरे समय अपने लैपटॉप और फोन पर ध्यान केंद्रित करते हुए दिखाई दे रहा है। वीडियो को कर्नाटक पोर्टफोलियो के एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर शेयर किया गया है, जिस लाखों बार देखा जा चुका है। यह घटना तेजी से बढ़ती कार्य संस्कृति पर सवाल उठाती है, जहां पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।
A Peak Bengaluru moment unfolded when a man was caught attending a client meeting on both his laptop and phone while at a Navratri pandal in Bengaluru. The incident perfectly encapsulates the city's fast-paced work culture, where balancing professional commitments and personal… pic.twitter.com/fVIeGDN23d
— Karnataka Portfolio (@karnatakaportf) October 13, 2024
घटना के बारे में जानकारी
वीडियो में दिखाया गया है कि उत्सव के माहौल के बीच व्यक्ति अपने लैपटॉप और फोन के बीच लगातार स्विच कर रहा है, जबकि आस-पास दुर्गा पूजा के पारंपरिक उत्सव चल रहे हैं। इस घटना को बेंगलुरु में तेजी से विकसित हो रही पेशेवर जीवनशैली का प्रतीक बताया गया है, जहां लोग त्योहारों के दौरान भी अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को निभाने से नहीं चूकते।
सोशल मीडिया पर रिएक्शन
इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दे दिया है, जहां कई यूजर्स ने वर्क बैलेंस की खराब स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की। एक यूजर ने लिखा, "वह न तो अपने काम के प्रति समर्पित हैं और न ही अपनी निजी जिंदगी के प्रति। आपका समय आपका है, इसे काम में नहीं लगाना चाहिए।"दूसरे यूजर ने टिप्पणी की, "यह निराशाजनक है। हमें भारत में एक बेहतर वर्क कल्चर की जरूरत है। ऐसे लोगों को मैनेजमेंट पोस्ट पर नहीं पहुंचना चाहिए, क्योंकि इससे यह बुरा उदाहरण सेट होता है।" तीसरे यूजर ने लिखा, "इस व्यवहार को सामान्य बनाना बंद करो। जब छंटनी होती है तो कंपनी दो बार नहीं सोचेगी। इसलिए व्यक्तिगत और पेशेवर समय अलग रखें।