Indian Army Beats Chinise Army: भारत और चीन के बीच पिछले कुछ वर्षों से सीमा पर चल रहे तनाव में अब कुछ कमी आई है। दोनों देशों ने हाल ही में पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति सामान्य करने और यथास्थिति पर लौटने का समझौता किया है। इस समझौते के तहत, दोनों देशों की सेनाएं कुछ क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुला रही हैं और समन्वित गश्त पर सहमत हुई हैं। इसके बावजूद, भारतीय सेना लद्दाख में चुनौतीपूर्ण सर्दियों के लिए तैयारी कर रही है, ताकि किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला किया जा सके।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और भारतीय सेना की प्रतिक्रिया
हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें भारतीय सैनिकों को कथित तौर पर चीनी सैनिकों को पकड़े और उनकी पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो की तारीख और स्थान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सैनिकों की वर्दी और परिदृश्य से इसे गर्मियों का माना जा रहा है। कई रिपोर्ट्स का दावा है कि यह वीडियो अरुणाचल प्रदेश का है और 2019-2021 के बीच का हो सकता है। वीडियो में चीनी सैनिकों को भारतीय क्षेत्र में अवैध घुसपैठ करते हुए पकड़ा गया बताया जा रहा है। इस पर भारतीय सेना ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
🇮🇳🇨🇳Footage of #PLA scouts caught & beaten by #IndianArmy troops in the North East border (probably Arunachal Pradesh).
— Indo-Pacific News - Geo-Politics & Defense (@IndoPac_Info) November 12, 2024
The footage is likely from 2019-2021, but has been leaked by Indian soldiers only recently in YouTube. pic.twitter.com/EoRVBnWjJE
समन्वित गश्त पर सहमति
हाल के समझौते के तहत, भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में साप्ताहिक समन्वित गश्त करने पर सहमत हुई हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक क्षेत्र में गश्त के दौर में भारतीय और चीनी सैनिक बारी-बारी से गश्त करेंगे। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में इन क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी हो चुकी है, जिसके बाद नवंबर के पहले सप्ताह में समन्वित गश्त की शुरुआत हुई।
सैन्य सतर्कता और संभावित चुनौतियां
हालांकि दोनों देशों ने सीमा पर स्थिति सामान्य करने का प्रयास किया है, लेकिन भारतीय सेना लद्दाख में सर्दियों की कठिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तर की सतर्कता बरत रही है। इस सतर्कता का मुख्य कारण यह है कि पूरी तरह तनाव समाप्त नहीं हुआ है और सीमावर्ती क्षेत्रों में अप्रत्याशित गतिविधियाँ अभी भी संभव हैं।